उत्तराखंड में हत्या के मामले में बंद महिला समेत आठ कैदियों की सजा माफ
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार एक महिला समेत आठ कैदियों की सजा माफ कर दी है। इनमें सात कैदी हत्या के मामले में सजा काट रहे थे जबकि एक दहेज हत्या के मामले में सजा भुगत रहा था।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 25 Mar 2020 04:50 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। शासन ने लंबे इंतजार के बाद आखिरकार एक महिला समेत आठ कैदियों की सजा माफ कर दी है। इनमें सात कैदी हत्या के मामले में सजा काट रहे थे, जबकि एक दहेज हत्या के मामले में सजा भुगत रहा था। इन आठ कैदियों में दो उत्तर प्रदेश, एक पंजाब और शेष पांच उत्तराखंड के हैं। इनकी सजा की अवधि और जेल में इनके आचरण को देखते हुए राज्यपाल की अनुमति के बाद इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
प्रदेश सरकार गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कैदियों की रिहाई और उन्हें परिहार देने का ऐलान करती है। इस बार भी कैदियों की सजा को माफ करने की पत्रवली शासन को भेजी गई थी। कैदियों की रिहाई में पारदर्शिता रखने के लिए जेल प्रशासन ने आजीवन और अन्य गंभीर मामलों में सजा काट रहे 215 कैदियों की सूची शासन को भेजी। इन पर कोई निर्णय नहीं हो पाया था, हालांकि इस दौरान 66 कैदियों को परिहार देते हुए उनकी सजा में कमी की गई थी।
अब शासन ने आठ कैदियों की सजा माफ करते हुए उनकी रिहाई का निर्णय लिया है। हत्यारोपी सभी छह कैदी 14 वर्ष से लेकर 17 वर्ष की सजा काट चुके हैं। इनकी उम्र 48 से 77 वर्ष के बीच है। दहेज हत्या के मामले मामले में आरोपी को दस साल की सजा हुई थी और वह पांच वर्ष चार माह की सजा काट चुका है। सचिव नितेश झा द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
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गंगनहर में दो शव मिले, एक की शिनाख्त
हरिद्वार जिले के पथरी पावर हाउस में गंगनहर में दो शव मिले हैं। पुलिस ने एक शव की शिनाख्त कराते हुए ज्वालापुर निवासी स्वजनों को सूचना दी है। जबकि दूसरे शव की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस को सूचना मिली कि पथरी पावर हाउस में दो शव फंसे हुए हैं। पुलिस ने शवों को बाहर निकालकर पहचान कराने का प्रयास किया। एक शव की शिनाख्त अक्षय निवासी पांवधोई ज्वालापुर के रूप में हुई। दूसरे शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है। ऐसा बताया गया है कि अक्षय कई दिनों से गायब था। वह परिवार से अलग रहता था। रानीपुर कोतवाल शंकर सिंह बिष्ट ने बताया कि अक्षय कई दिनों से गायब था और परिवार से अलग रहता था।
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