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निकाय चुनाव: थम गया चुनाव प्रचार, मोर्चे पर महारथी तैयार

18 नवंबर को होने जा रहे नगर निकाय चुनाव के लिए शुक्रवार शाम प्रचार का शोर थम गया। चुनाव में कुल 23,52,706 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 17 Nov 2018 07:43 AM (IST)
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निकाय चुनाव: थम गया चुनाव प्रचार, मोर्चे पर महारथी तैयार
देहरादून, विकास धूलिया। आगामी 18 नवंबर को होने जा रहे नगर निकाय चुनाव के लिए शुक्रवार शाम प्रचार का शोर थम गया। सात नगर निगमों समेत कुल 84 निकायों के लिए होने वाले चुनाव में कुल 23,52,706 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर 4978 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। रुड़की नगर निगम समेत आठ निकायों में चुनाव नहीं हो रहे हैं। निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा और उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ही अधिकांश जगहों पर आमने-सामने हैं, जबकि कई निकाय ऐसे भी हैं, जहां कुछ अन्य पार्टियां और निर्दलीय मुकाबले को बहुकोणीय शक्ल दे सकते हैं। ऐन लोकसभा चुनाव से पहले होने के कारण निकाय चुनाव की अहमियत खासी बढ़ गई है, क्योंकि जिसके सिर भी जीत का सेहरा बंधेगा, वह बढ़े हुए मनोबल के साथ लोकसभा के चुनावी रण में उतरेगा।

लगभग एक महीने चली निकाय चुनाव प्रक्रिया अब अपने चरम पर पहुंचती जा रही है। शुक्रवार शाम पांच बजे राज्यभर के निकायों में चुनाव प्रचार का शोर थमते ही प्रत्याशियों ने डोर टू डोर संपर्क पर पूरी तरह फोकस कर लिया है। ये निकाय चुनाव भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों के लिए साख का सवाल हैं। भाजपा को पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मिली एकतरफा जीत के क्रम को निकाय चुनाव में भी कायम रखना है, तो कांग्रेस इसके ठीक उलट पिछले लगभग पांच सालों के दौरान खोई अपनी सियासी जमीन की तलाश निकाय चुनाव में कर रही है।

स्थानीय स्तर पर होने वाले निकाय चुनाव में यूं तो बिजली, पानी, सड़क, सीवरेज जैसी मूलभूत सुविधाओं से जुड़े मुद्दे ही ज्यादातर हावी रहते हैं, लेकिन इस बार भाजपा और कांग्रेस, केंद्र व प्रदेश सरकार के कामकाज को भी मुद्दे के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं। भाजपा अपनी केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियों पर जनमत हासिल करने की कोशिश कर रही है, तो कांग्रेस दोनों सरकारों को कठघरे में खड़ा कर।

दरअसल, निकाय चुनाव के नतीजे प्रदेश की भाजपा सरकार के अब तक, लगभग बीस महीने के कामकाज के आकलन के लिए कसौटी का भी काम करेंगे। निकायों में भाजपा का वर्चस्व कायम हो गया तो यह त्रिवेंद्र सरकार के कामकाज पर मुहर की तरह होगा।

  • राज्य में कुल निकाय:  92
  • जिनमें हो रहा चुनाव:   84
  • नगर निगम:             07
  • नगर पालिका परिषद:    39
  • नगर पंचायत:           38
  • निकाय चुनाव में कुल मतदाता: 23,52,706
  • पुरुष मतदाता:   12,19,930
  • महिला मतदाता: 11,32,776
निकाय चुनाव में कुल प्रत्याशी:

  • सात नगर निगमों में प्रत्याशी:  51 महापौर, 1728 पार्षद
  • 39 नगर पालिकाओं में प्रत्याशी: 279 अध्यक्ष, 1797 सभासद
  • 38 नगर पंचायतों में प्रत्याशी: 226 अध्यक्ष, 897 सदस्य
  • 34 प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन (तीन पार्षद, 15 नगर पालिका सदस्य व 16 नगर पंचायत सदस्य)
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