Teachers Election: तीन साल पुरानी मतादाता सूची पर होंगे शिक्षकों के चुनाव, जानिए वजह
शिक्षक संघ का चुनाव आगामी अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में कराया जाएगा। चुनाव तीन साल पुरानी वर्ष 2018 की मतदाता सूची के आधार पर कराया जाएगा। यह निर्णय मंगलवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशक आरके उनियाल के साथ संघ के संयोजक मंडल की बैठक में लिए गए।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Wed, 22 Sep 2021 01:47 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। प्राथमिक शिक्षक संघ की नई कार्यकारिणी के लिए चुनाव का समय तय हो गया है। शिक्षक संघ का चुनाव आगामी अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में कराया जाएगा। चुनाव तीन साल पुरानी वर्ष 2018 की मतदाता सूची के आधार पर कराया जाएगा। यह निर्णय मंगलवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशक आरके उनियाल के साथ संघ के संयोजक मंडल की बैठक में लिए गए।
इससे पहले प्राथमिक शिक्षक संघ का चुनाव वर्ष 2018 में संपन्न हुआ था। तब प्रदेश कार्यकारिणी गठित होने के कुछ समय बाद ही कुछ शिक्षकों ने इसे गलत ठहराते हुए कोर्ट में चुनौती दे दी। शिक्षकों का आरोप था कि चुनाव में सेवानिवृत्त शिक्षकों से भी मत डलवाए गए। नियमानुसार 25 सदस्यों की कार्यसमिति गठित होनी थी, लेकिन 45 सदस्यों की कार्यकारिणी गठित कर दी गई।कोर्ट ने सुनवाई के बाद सोसायटी एंड चिट फंड दफ्तर को मामला सुलझाने के निर्देश दिए थे। इस बीच संघ की मान्यता और उसकी नवीनीकरण की प्रक्रिया भी अधर में लटक गई। सोसायटी दफ्तर ने संघ की वर्तमान कार्यकारिणी को अमान्य करार देते हुए नए सिरे से चुनाव करवाने के आदेश दिए थे।
इसको लेकर शिक्षा निदेशालय में बैठक हुई। इसमें प्रदेशभर से पहुंचे संघ के समन्वयकों ने अपने प्रस्ताव पेश किए। छह जनपदों के समन्वयक पुरानी मतदाता सूची से चुनाव नहीं कराने के पक्ष में थे, जबकि सात ने समर्थन किया। अब वर्ष 2018 की सूची सभी जिलों को भेजकर इसका अवलोकन कराया जाएगा।यह भी पढ़ें- Uttarakhand Politics: उत्तराखंड में कहीं भारी न पड़ जाए भाजपा में अंदरूनी खींचतान
सूची से सेवानिवृत्त, निष्कासित व लगातार तीन साल तक सदस्यता शुल्क नहीं देने वालों को बाहर किया जाएगा। चुनाव अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारी सहसपुर पंकज शर्मा होंगे। चुनाव के लिए दून इकाई के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र रावत, मनोज जुगपाल, मनोज तिवारी और प्रीतम सिंह को संयोजक बनाया गया है।यह भी पढ़ें- Uttarakhand Politics: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा- उत्तराखंड में भी बने अनुसूचित जाति का बेटा सीएम
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