Lok Sabha Election 2024: चुनावी सीजन में ज्योतिषाचार्यों की चौखट पर पहुंचने लगे राजनीतिक दल, खोजा जा रहा शुभ मुहूर्त
Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव की तैरीखों एलान होने के बाद ही राजनीतिक दल ज्योतिषियों के पास पहुंचने लगे हैं। उत्तराखंड विद्वत सभा के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं बताते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में किसी भी कार्य के लिए शुभ लग्न का विशेष महत्व है। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है। चुनाव में भी महत्वपूर्ण कार्य के लिए शुभ लग्न को महत्व दिया जाता है।
गौरव ममगाईं, ऋषिकेश। लोकसभा चुनाव की तिथि घोषित होने के साथ राजनीतिक दल व प्रत्याशी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में वह ज्योतिषियों की चौखट पर भी दस्तक दे रहे हैं। चुनाव से जुड़ी हर महत्वपूर्ण गतिविधि के लिए वह शुभ मुहूर्त खोजा जा रहा है। यहां तक कि किस रंग के कपड़े पहनना ज्योतिषीय दृष्टि से लाभकारी होगा, यह भी पूछा जा रहा है। ताकि मन में किसी तरह का संदेह न रहे।
उत्तराखंड विद्वत सभा के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं बताते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में किसी भी कार्य के लिए शुभ लग्न का विशेष महत्व है। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है। चुनाव में भी महत्वपूर्ण कार्य के लिए शुभ लग्न को महत्व दिया जाता है। इसी कड़ी में विभिन्न दलों के तीन घोषित प्रत्याशियों ने सभा के सदस्यों से संपर्क किया है।
शुभ दिन और मुहूर्त के ले रहे जानकारी
ऋषिकेश के अलावा देहरादून के धर्मपुर, राजपुर रोड व मसूरी विधानसभा क्षेत्र से भी राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने भी प्रत्यक्ष व फोन के जरिये संपर्क किया। उन्होंने चुनाव अभियान व कार्यालय खोलने के लिए शुभ दिन व मुहूर्त की जानकारी ली। साथ ही राशिफल, दोष व लाभ के उपाय भी पूछे। बताया कि आने वाले दिनों में यह सिलसिला और बढ़ना तय है।इन बिंदुओं पर ली जा रही जानकारी
- विधानसभा व मंडल स्तर पर चुनाव कार्यालय के उद्घाटन का मुहूर्त।
- चुनावी अभियान शुरू करने को तिथि व मुहूर्त।
- राशिफल।
- ग्रह दोष से मुक्ति के उपाय।
- किस रंग के कपड़े पहनना रहेगा लाभकारी।
होलाष्टक शुरू, वहम भी कर रहे दूर
17 मार्च से होलाष्टक शुरू हो गया है, जो 24 मार्च तक रहेगा। इस समय अवधि में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। होलाष्टक को लेकर भी राजनीतिक दलों के पदाधिकारी असमंजस में हैं। इसलिए शुभ कार्य को लेकर ज्योतिषियों से परामर्श लिया जा रहा है।
ले रहे ज्योतिषियों का मार्गदर्शन
ज्योतिषाचार्य पं. धनंजय भट्ट ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार, होलाष्टक का प्रभाव हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब व मध्य प्रदेश में बताया गया है। इसलिए उत्तराखंड में शुभ कार्य किए जा सकते हैं। अधिकांश व्यक्ति महत्वपूर्ण कार्य में किसी तरह का जोखिम लेना नहीं चाहते, इसलिए वे ज्योतिषियों का मार्गदर्शन ले रहे हैं।यह भी पढ़ें: अल्मोड़ा के 15 गांवों ने किया लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान, मनाने के लिए चुनाव आयोग ने बनाई ये रणनीति
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