उत्तराखंड में करीब 26 फीसद विद्युत दरें बढ़ने का प्रस्ताव, पढ़िए पूरी खबर
यूपीसीएल, यूजेवीएनएल, पिटकुल और एसएलडीसी की ओर से अगले वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी के लिए भेजे गए प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को मिल गए हैं।
By Edited By: Updated: Tue, 18 Dec 2018 08:39 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली दरें बढ़ने का झटका लग सकता है। यूपीसीएल, यूजेवीएनएल, पिटकुल और एसएलडीसी की ओर से अगले वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी के लिए भेजे गए प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को मिल गए हैं। अगर यह प्रस्ताव इसी रूप में मंजूर होते हैं तो राज्य में बिजली के दरों में 25.85 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।
यूजेवीएनएल (उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड) से वित्तीय वर्ष 2018-19 के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए लगभग 50.66 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव आयोग को मिला है। यदि यह प्रस्ताव मान लिया जाता है तो उपभोक्ता शुल्क में 2.43 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इसी तरह से पिटकुल (पॉवर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड) ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए 371 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव मिला है। इस प्रस्ताव के आधार पर बिजली दरों में 9.60 प्रतिशत की अतिरिक्त वृद्धि हो सकती है। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) ने 53.38 प्रतिशत और उत्तराखंड पॉवर कॉरपोरेशन (यूपीसीएल) ने भी मौजूदा टैरिफ दरों में 13.71 प्रतिशत की औसत वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। यदि इन तीनों के प्रस्ताव स्वीकार कर लिए जाते हैं तो वित्तीय वर्ष 2019-20 में उत्तराखंड में बिजली दरों में 25.85 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी।
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि बिजली बढ़ोतरी के प्रस्तावों को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया है। यूईआरसी गहन मंथन के बाद जल्द ही इन पर जनसुनवाई शुरू करने जा रहा है। कार्रवाई पूरी होने पर मार्च के अंतिम सप्ताह में आयोग नए टैरिफ की घोषणा करेगा। बढ़ी हुई दरें राज्य में एक अप्रैल से लागू होंगी।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में बिजली का झटका, दरें छह फीसद बढ़ाने का प्रस्ताव
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