हाथियों का काल बनी जंगलों से गुजर रही विद्युत लाइनें, जानिए 20 साल में हुई कितनी मौतें
उत्तराखंड में पिछले 20 वर्षों के दौरान करंट लगने से 40 हाथियों की मौत हो चुकी है। बीते रोज राजाजी टाइगर रिजर्व से सटी देहरादून वन प्रभाग की लच्छीवाला रेंज में हाथी की मृत्यु के बाद अब वन्यजीव विभाग ऐसी घटनाओं को थामने की दिशा में सक्रिय हुआ है।
By Sumit KumarEdited By: Updated: Sat, 21 Nov 2020 01:05 AM (IST)
देहरादून, केदार दत्त। उत्तराखंड के जंगलों से गुजर रही विद्युत लाइनें गजराज के लिए काल साबित हो रही हैं। पिछले 20 वर्षों के दौरान करंट लगने से 40 हाथियों की मौत हो चुकी है। बीते रोज राजाजी टाइगर रिजर्व से सटी देहरादून वन प्रभाग की लच्छीवाला रेंज में हाथी की मृत्यु के बाद अब वन्यजीव विभाग ऐसी घटनाओं को थामने की दिशा में सक्रिय हुआ है। इस कड़ी में ऊर्जा निगम से कहा गया है कि वह जंगलों से गुजर रही विद्युत लाइनों के खंभों के चारों तरफ कंटीले तारों की बाड़ लगाना सुनिश्चित करे। साथ ही हर तीसरे माह विद्युत लाइनें कसने के लिए प्रभावी कदम उठाने को भी निगम को पत्र भेजा गया है।
राज्य में यमुना से लेकर शारदा नदी तक राजाजी व कार्बेट टाइगर रिजर्व समेत 11 वन प्रभागों के 6643.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में हाथियों का बसेरा है। इस क्षेत्र से गुजर रहे सड़क व रेल मार्गों के अलावा कॉरीडोर (परंपरागत गलियारे) बाधित होने से हाथियों की स्वछंद आवाजाही में पहले ही बाधा पड़ रही है। उस पर विद्युत लाइनें भी जान के खतरे का सबब बनी हैं। वर्ष 2001 से लेकर अब तक की तस्वीर देंखें तो हर साल औसतन दो हाथियों की मौत करंट लगने से हो रही है।
यह भी पढ़ेः जंगल की बात : शुक्र है बदरा मेहरबान हो गए, वन महकमे की भी सांस में सांस आई
हाल में देश के अपर महानिदेशक (वन्यजीव) सौमित्र दास गुप्ता ने उत्तराखंड समेत हाथी बहुल राज्यों के वनाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में करंट से हाथियों की मौत पर चिंता जताई थी। साथ ही इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। उत्तराखंड में भी अब इस सिलसिले में कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के अनुसार ऊर्जा निगम व पिटकुल जल्द ही जंगलों से गुजर रही विद्युत लाइनों के पोल के चारों तरफ कंटीले तारों की बाड़ लगाएंगे। इससे हाथियों द्वारा पोल तोडऩे अथवा उखाडऩे की घटनाएं कम होंगी और करंट की चपेट में आने का खतरा भी कम होगा। इसके साथ ही हर तीसरे माह विद्युत लाइनों की देखरेख और ढीले तारों को कसने के मद्देनजर भी विभाग की ओर से इजाजत दी जाएगी।
राज्य में करंट से हाथियों की मौत
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- वर्ष, संख्या
- 2001, 02
- 2002, 03
- 2003, 03
- 2004, 01
- 2005, 02
- 2007, 02
- 2008, 04
- 2009, 02
- 2010, 01
- 2011, 02
- 2012, 01
- 2013, 01
- 2014, 04
- 2015, 01
- 2016, 04
- 2017, 03
- 2019, 03
- 2020, 01