उत्तराखंड में फिर से आंदोलन की राह पर बिजली कार्मिक, इस बात से हैं खफा
उत्तराखंड में बिजली कर्मी एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़ने को तैयार हैं। वे निर्धारित समय पर मांगे पूरी नहीं होने से नाराज हैं। विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने शासनादेश जारी नहीं होने पर नाराजगी जताई है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 22 Aug 2021 02:47 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। विभिन्न मांगों पर निर्धारित समय में कार्रवाई न होने से खफा बिजली कार्मिक फिर से आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री के साथ पूर्व में बनी सहमति के बाद अभी तक मांगों पर शासनादेश जारी नहीं किए गए। इस पर विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने नाराजगी जताई है।
शनिवार को मोर्चा की एक आपात बैठक ऊर्जा भवन में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता राकेश शर्मा व संचालन मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने किया। सभी ट्रेड यूनियन व एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बैठक में शामिल होकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। पदाधिकारियों ने कहा कि बीती 27 जुलाई को हुए समझौते की समय सीमा लगभग समाप्त होने वाली है, लेकिन तीनों ऊर्जा निगम में कर्मचारियों की किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया गया। उन्होंने निर्णय लिया कि मोर्चा का शांतिपूर्ण आंदोलन सोमवार से शुरू हो जाएगा। इस दौरान 27 अगस्त तक मोर्चा के सभी घटक संगठनों के पदाधिकारी राज्य के समस्त जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। बताया कि ऊर्जा निगमों में कार्यरत संविदा, नियमित व अन्य कर्मचारी अपने पूर्व की सेवा शर्तों की बहाली की मांग पर निरंतर आंदोलनरत हैं।
इस विषय पर ऊर्जा मंत्री हरक सिंह की अध्यक्षता में विगत माह हुई बैठक में 14 सूत्रीय मांग पत्र पर समझौता हुआ था। समझौते के अनुरूप एक माह की अवधि पूर्ण होने पर भी कोई कार्रवाई न होने के चलते आगामी 28 अगस्त को पूरे राज्य में वायदा निभाओ दिवस मनाया जाएगा, जिसमें राज्य के ऊर्जा निगम मुख्यालय पर गेट मीटिंग व तीनों ऊर्जा निगमों के प्रबंध निदेशकों को ज्ञापन भेजा जाएगा।यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: रोडवेज कर्मियों की प्रबंधन से वार्ता विफल, 23 को करेंगे विधानसभा कूच
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