ऊर्जा निगम ने बिना सुपरविजन ऊर्जीकृत कर दी बिजली की लाइन, अब बैठी जांच Dehradun News
यूपीसीएल में बिना सुपरविजन शुल्क लिए लाइन ऊर्जीकृत की जा रही है जिससे निगम को लाखों की चपत लग रही है। ताजा मामला ऋषिकेश का है।
By BhanuEdited By: Updated: Sat, 29 Jun 2019 11:02 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। यूपीसीएल में बिना सुपरविजन शुल्क लिए लाइन ऊर्जीकृत की जा रही है, जिससे निगम को लाखों की चपत लग रही है। ताजा मामला ऋषिकेश का है। जहां निगम के अधिकारियों ने राज्य कर उपायुक्त कार्यालय के लिए बिछाई लाइन बिना सुपरविजन शुल्क लिए ऊर्जीकृत कर दी।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब आरटीआइ में मांगी जानकारी में निगम ने ऐसे किसी भी कार्य को करने से इन्कार किया। अब सवाल यह उठता है कि जब निगम में इस कार्य का कोई रिकॉर्ड नहीं है तो यह लाइन ऊर्जीकृत कैसे हो गई। वहीं, प्रकरण पर प्रबंधन के अधिकारियों ने भी हैरानी जताई है और मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।आरटीआइ के तहत विद्युत वितरण खंड ऋषिकेश से राज्य कर आयुक्त कार्यालय में बिछाई लाइन को ऊर्जीकृत करने के संबंध में जानकारी मांगी गई थी। इसमें विभाग के जवाब में कहा गया कि उक्त कार्यालय में लाइन को ऊर्जीकृत करने के कार्य की कोई जानकारी नहीं है।
इससे साफ है कि अधिकारियों ने लाइन ऊर्जीकृत करने पर सुपरविजन शुल्क लिया ही नहीं और बिना भौतिक जांच के लाइन ऊर्जीकृत कर दी गई। इससे सीधे तौर पर निगम को राजस्व का नुकसान हुआ।
यह होता है सुपरविजन शुल्क
किसी भी संस्थान या घरों में बिजली लाइन लगाई जाती है तो इसे ऊर्जीकृत करने के लिए यूपीसीएल सुपरविजन शुल्क लेता है। इसमें निगम के कर्मचारी बिछाई गई लाइन का भौतिक सत्यापन करते हैं। यह देखा जाता है कि इस्तेमाल की गई सामग्री किस गुणवत्ता की है। जांच में संतुष्ट होने के बाद ही लाइन को ऊर्जीकृत किया जाता है।
यूपीसीएल के चीफ इंजीनियर एमएल प्रसाद के मुताबिक, यह प्रकरण संज्ञान में आया है। यदि ऐसा हुआ है तो यह बेहद गंभीर मामला है। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।यह भी पढ़ें: सौर ऊर्जा से चमकेंगे उत्तराखंड के गांव, ग्रामीण बिजली बेचकर सुधारेंगे जीवन स्तर
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