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आरटीओ दफ्तर में मची मारामारी, चेकपोस्टों से बुलाए जा रहे कर्मचारी

नए मोटर वाहन अधिनियम के लागू होने के बाद आरटीओ दफ्तर में मची मारामारी को देखते हुए अब चेकपोस्टों पर तैनात कर्मचारियों को आफिस कार्य में लगाया जा रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 19 Sep 2019 05:52 PM (IST)
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आरटीओ दफ्तर में मची मारामारी, चेकपोस्टों से बुलाए जा रहे कर्मचारी
देहरादून,  जेएनएन। नए मोटर वाहन अधिनियम के लागू होने के बाद आरटीओ दफ्तर में मची मारामारी को देखते हुए अब चेकपोस्टों पर तैनात कर्मचारियों को आफिस कार्य में लगाया जा रहा है। बुधवार को आशारोड़ी और कुल्हाल चेकपोस्ट से कर्मचारियों को ड्राइविंग लाइसेंस केकार्य के लिए आरटीओ दफ्तर में अटैच किया गया। अन्य चेकपोस्टों से भी कर्मचारियों की छंटनी कर उन्हें दफ्तर में बुलाने की तैयारी चल रही है। स्थिति ये है ड्राइविंग लाइसेंस सेक्शन में कर्मचारियों की ड्यूटी सुबह दस बजे केबजाय नौ बजे से लगाई जा रही और शाम को पांच बजे दफ्तर बंद करने के बजाय साढ़े छह बजे तक काम किया जा रहा है। ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन के स्लाट लगातार फुल होते जा रहे हैं और अब 25 नवंबर तक बुक स्लाट में 23 हजार की वेटिंग आ चुकी है। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने परिवहन मुख्यालय को पत्र भेज अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग की है।

ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन के पुन: पंजीकरण, फिटनेस, टैक्स, लाइसेंस नवीनीकरण आदि को लेकर हर कोई आजकल आरटीओ दफ्तर की दौड़ लगा रहा है। स्थिति ये हो चुकी है कि लाइसेंस आवेदन के स्लॉट 25 नवंबर तक फुल हो चुके हैं और आरटीओ में लाइसेंस सेक्शन में तमाम व्यवस्थाएं कम पड़ रहीं। आरटीओ से मिले रिकार्ड पर नजर दौड़ाएं तो अगले दो माह के लिए करीब 23 हजार लाइसेंस वेटिंग आ चुकी है। वाहन के पुन: पंजीकरण और फिटनेस को लेकर भी लंबी वेटिंग है। आरटीओ दफ्तर में अधिकारियों को यह अनुमान ही नहीं था कि नए एमवी एक्ट को लेकर लोग इतना जागरूक हो सकते हैं और भीड़ दफ्तर पर टूट पड़ेगी। वहां कार्मिकों व कंप्यूटर आदि की संख्या पहले की तरह ही हैं। लाइसेंस सेक्टर में भीड़ बेकाबू होते देख अतिरिक्त कंप्यूटर फोटो खींचने के लिए लगाए गए हैं, लेकिन यह भी कम पड़ रहे। दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के लिए भी अतिरिक्त काउंटर लगाए गए हैं।

आरटीओ ने बताया कि आधा दर्जन कर्मचारियों को बुखार होने के कारण छुट्टी देनी पड़ी है। दफ्तर में कर्मियों की संख्या पहले ही कम है, ऐसे में लोगों की भीड़ बढऩे से काम का बोझ कई गुना बढ़ गया है। इसी के मद्देनजर चेकपोस्टों से कर्मचारी बुलाए जा रहे हैं। बुधवार को आशारोड़ी चेकपोस्ट से कनिष्ठ सहायक मनोज सिंह और कुल्हाल चेकपोस्ट से कनिष्ट सहायक अनूप सिंह को आरटीओ दफ्तर अटैच कर दिया गया। दोनों को लाइसेंस सेक्शन में लगाया गया है।

बता दें कि, नए मोटर वाहन अधिनियम में ड्राइविंग लाइसेंस के बिना वाहन चलाने पर जुर्माना दस गुना बढ़ाए जाने के बाद दून आरटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनाने वालों की भीड़ जुट रही है। स्थिति यह है कि बीते 18 दिन में लगभग 23 हजार से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। भीड़ के मद्देनजर एआरटीओ प्रशासन अरविंद पांडे ने डीएल टेस्ट के प्रतिदिन स्लॉट में भी इजाफा किया है। पहले लर्निंग लाइसेंस के लिए एक दिन में 150 लोगों का टेस्ट लिया जा रहा था। जिसे बढ़ाकर 200 कर दिया गया है। वहीं, परमानेंट लाइसेंस का स्लॉट 100 से बढ़ाते हुए 140 किया गया है, लेकिन अतिरिक्त व्यवस्था भी नाकाफी साबित हो रही है। सबसे ज्यादा आवेदन दुपहिया लाइसेंस के लिए आ रहे हैं। दरअसल, चार साल पहले लाइसेंस के कंप्यूटराइच्ड होने से पहले लोगों के लाइसेंस बेहद आसानी से बन जाते थे।

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ऐसे लोग न सिर्फ दुपहिया बल्कि उसमें कार का लाइसेंस भी बना लेते थे। लाइसेंस कंप्यूटराइज्ड होने के बाद ऐसा होना बंद हो गया और आवेदक का परीक्षा देना अनिवार्य हो गया। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग बिना लाइसेंस वाहन दौड़ाए जा रहे थे। पकड़े गए तो जुर्माना 500 रुपये था, जिसे वे भुगत लेते थे। ऐसी ही स्थिति बच्चों की भी है। बिना लाइसेंस धड़ल्ले से वाहन दौड़ा रहे थे। अब चूंकि, लाइसेंस न होने पर जुर्माना 5000 रुपये किया गया है, तो सभी को डर लगने लगा है। नाबालिग के बिना लाइसेंस वाहन चलाते पकड़े जाने पर जुर्माना 25 हजार और अभिभावक को तीन साल की कैद का प्रावधान होने से भी लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में 16 से 18 साल तक के बच्चों का बिना गियर वाला लाइसेंस बनवाया जा रहा है। 25 नवंबर तक बुक स्लाट में करीब 10 हजार आवेदन बिना गियर वाले दुपहिया लाइसेंस के लिए हैं।

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