पलायन रोकने में कारगर साबित हो रही ये योजना, जानिए
पहाड़ों में छोटे उद्योग स्थापित करने से पलायन में काफी हद तक कमी आएगी। इस योजना के बेहतर नतीजों से पहाड़ फिर से आबाद होने की उम्मीद भी जग रही है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 23 Jun 2018 05:25 PM (IST)
देहरादून, [अशोक केडियाल]: पहाड़ों में छोटे उद्योग स्थापित कर पलायन रोकने की योजना रंग लाती दिखाई दे रही है। योजना के तहत एक वर्ष में प्रदेश के 10 पहाड़ी जिलों में लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम श्रेणी के 1765 उद्योगों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया था। जिसके परिणाम लक्ष्य से बेहतर रहे और 1796 उद्योगों की स्थापना हुई। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान न केवल 315.585 करोड़ का निवेश हुआ, बल्कि प्रदेश के 8203 लोगों को रोजगार मिला। योजना के बेहतर नतीजों से पहाड़ फिर से आबाद होने की उम्मीद भी जग रही है।
राज्य सरकार की ओर से गठित पलायन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का विस्तार से उल्लेख किया था कि यदि पहाड़ी इलाकों में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग शुरू किए जाते हैं तो पलायन पर रोक लग सकती है। साथ ही इससे युवाओं, विशेषकर महिलाओं को घर के समीप रोजगार मिलेगा। इसके बाद बीते वर्ष सरकार की ओर से लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमिता संस्थान (एमएसएमई) के तहत पहाड़ में उद्योगों की स्थापना की योजना बनाई गई थी। जिसके तहत 101.76 फीसद लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।
स्थापित उद्योगों में 728 निर्माण एवं उत्पादन इकाई हैं, जबकि 1068 सेवा क्षेत्र के उद्यम हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो पहाड़ी जिलों में निवेश के मामले में नैनीताल में सर्वाधिक 149.420 करोड़ का निवेश हुआ है, जबकि सबसे कम रुद्रप्रयाग जिले में 6.470 करोड़ का निवेश करने वाले 54 सूक्ष्म उद्योग उत्पादन इकाई के रूप में काम शुरू करने वाले हैं।
विधायक भरत चौधरी का कहना है कि रुद्रप्रयाग जिले में अधिक से अधिक उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों की हरसंभव मदद की जाएगी। प्रदेश सरकार की भरसक कोशिश है कि पहाड़ी इलाकों के युवा रोजगार की तलाश में पलायन करने को मजबूर न हों। मुख्यमंत्री विशेष रूप से रुद्रप्रयाग जिले में रोजगार के अवसर बढ़ाने के पक्षधर हैं।
उप निदेशक उद्योग राजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित करने के प्रदेश उद्योग निदेशालय अपनी ओर से भरसक प्रयास कर रहा है। मार्च 2018 तक प्रदेश के 10 पहाड़ी जिलों में 1796 छोटे उद्योगों ने रुचि दिखाई है। जिसमें सवा तीन सौ करोड़ से अधिक का निवेश और आठ हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिलना सुनिश्चित हुआ है।
जिलेवार उद्योग की स्थिति
जिला, लक्ष्य, स्थापित उद्योग रुद्रप्रयाग, 125, 128
उत्तरकाशी, 145, 145 चमोली, 145, 146
टिहरी, 220, 226 पौड़ी, 295, 296
चंपावत, 125, 126 बागेश्वर, 125, 125
पिथौरागढ़, 175, 175 अल्मोड़ा, 175, 184
नैनीताल, 235, 245 कुल, 1765, 1796 जिलेवार रोजगार की स्थिति जिला, रोजगार रुद्रप्रयाग, 401 उत्तरकाशी, 397 चमोली, 566 टिहरी, 809 पौड़ी, 2708 चंपावत, 392 बागेश्वर, 285 पिथौरागढ़, 428 अल्मोड़ा, 613 नैनीताल, 1604 कुल, 8203 (नोट: संबंधित आंकड़े उद्योग निदेशालय मिले हैं। यह भी पढ़ें: अब चौरासी कुटी में संरक्षित होंगी बीटल्स से जुड़ी यादें, बनेगा म्यूजियमयह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 'शिखर' पर बाघ, कैमरा ट्रैप में कैद हुर्इं तस्वीरें यह भी पढ़ें: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में महंगी हुई जंगल सफारी
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