सेटेलाइट मैप से चिह्नित होगा दून का अतिक्रमण, प्रशासन का अभियान जारी
राजधानी में अतिक्रमण चिह्नीकरण को लेकर शासन ने सेटेलाइट मैप को भी शामिल करने का निर्णय लिया है। वहीं, शहर की विभिन्न सड़कों पर प्रशासन का अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी है।
By BhanuEdited By: Updated: Sun, 15 Jul 2018 05:19 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: राजधानी में अतिक्रमण चिह्नीकरण को लेकर शासन ने सेटेलाइट मैप को भी शामिल करने का निर्णय लिया है। इसके लिए एमडीडीए और नगर निगम को राज्य बनने के बाद सेटेलाइट मैप का अध्ययन कर अतिक्रमण चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, शहर की विभिन्न सड़कों पर प्रशासन का अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी है।
राजधानी में अतिक्रमण को लेकर राजस्व और लोक निर्माण विभाग के नक्शों पर सवाल उठाने वालों के लिए अफसरों ने नई तरकीब निकाली है। हाईकोर्ट के आदेश पर चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी और अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि एमडीडीए, नगर निगम, जिला प्रशासन जन सामान्य को बनाए गए फुटपाथों, गलियों, सड़कों एवं अन्य स्थलों पर किए गए अतिक्रमण को चिह्नित करने के लिए सेटेलाइट मैप का भी प्रयोग किया जाएगा। राज्य बनने से पहले के मैप को इस अभियान में साथ रखा जाएगा। उन्होंने टास्क फोर्स के अध्यक्ष और एमडीडीए के उपाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव को निर्देश दिए कि अतिक्रमण की जानकारी आम लोगों से भी जुटाएं। अक्सर रिटायर्ड अधिकारी और जागरूक लोग समय-समय सरकारी और सार्वजनिक मार्गों पर अतिक्रमण करने वालों की सूचना शासन-प्रशासन को भेजते रहते हैं।
ऐसे में पब्लिक नोटिस का प्रकाशन कर आम जनमानस से ऐसे रिकार्ड और जानकारी जुटाने का प्रयास किया जाए। अतिक्रमण को लेकर पूर्व में दर्ज शिकायतें भी इस अभियान में शामिल की जाएं। ऐसे शिकायत पत्रों की प्रतिलिपि नगर निगम, एमडीडीए व जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएं।
राजपुर रोड और चकराता रोड पर 184 अतिक्रमण ध्वस्तहाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत गुरुवार को 184 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। इसके साथ ही शहर के चार जोन में 277 नए अतिक्रमण चिह्नित किए। अब प्रेमनगर बाजार और राजपुर रोड में चिह्नित अतिक्रमण पर जेसीबी से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। यहां विरोध के चलते भारी पुलिस फोर्स तैनाती के आदेश दे दिए गए हैं।
राजधानी में 27 जून से हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। चार जोन में प्रशासन की टीमों ने चिह्नित 3689 अतिक्रमण में से अब तक 1341 कच्चे और पक्के अतिक्रमण ध्वस्त किया जा चुके हैं। गुरुवार को भी अतिक्रमण के खिलाफ राजपुर रोड में कार्रवाई जारी रही। यहां एसडीएम सदर प्रत्यूष सिंह और एसडीएम कालसी बृजेश तिवारी के नेतृत्व में 62 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। जबकि सिटी मजिस्ट्रेट मनुज गोयल के नेतृत्व में चोरखाला, चकराता रोड से बल्लूपुर, एफआरआइ गेट के आस-पास, पंडितवाड़ी से रांगड़वाला तक 122 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। यहां सड़क के दोनों तक बनें रैंप, बाउंड्रीवाल, सड़क तक फैली दुकान और घरों की छत ध्वस्त की गई।
विरोध में प्रेमनगर का बाजार रहा बंद
हाईकोर्ट के आदेश पर हटाए जा रहे अतिक्रमण का प्रेमनगर में विरोध शुरू हो गया है। यहां व्यापारियों ने दुकानें बंद कर धरना दिया। इस मामले में राज्यपाल को ज्ञापन भेजते हुए अतिक्रमण कार्रवाई से मुक्त रखने की मांग की है। अतिक्रमण की जद में प्रेमनगर बाजार और आवासीय क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा आ रहा है। यहां पांच से 15 मीटर तक अतिक्रमण के लाल निशान लगाए गए हैं। इससे बाजार की अधिकांश दुकानें और घर ध्वस्तीकरण की जद में हैं। घर और व्यवसाय अतिक्रमण की चपेट में आने के बाद लोगों की आजीविका और आर्थिकी पर सीधा असर पड़ रहा है। ऐसे में व्यापारियों ने बाजार बंद कर अभियान का विरोध किया है।
धरना देते हुए व्यापारियों ने कहा कि दुकान ध्वस्तीकरण के एवज में उन्हें पुनर्वास किया जाए। धरना स्थल पर कांगे्रस नेता एवं पूर्व विधायक राजकुमार, सूर्यकांत धस्माना आदि ने भी अपना समर्थन दिया है।
इधर, व्यापारियों का शिष्टमंडल ने डीएम एसए मुरूगेशन से मुलाकात की। व्यापारियों ने तीन दिन का समय मांगा है। ताकि दुकान और घर शिफ्ट किए जा सकें। व्यापारियों ने धरना जारी रखने की बात कही। इस मौके पर अध्यक्ष राजीव पुंज, महामंत्री फीकर चंद्र खेत्रपाल, हरीश कोहली, भूषण भटिया, आदि मौजूद रहे। शराब की दुकान नहीं हुई बंद
प्रेमनगर में जहां पूरा बाजार बंद रहा, वहीं शराब की दुकान खुली रही। शराब की दुकान में दिनभर भीड़ देखने को मिली। हालांकि अतिक्रमण की जद में शराब की दुकान भी आई है। मगर, राजस्व नुकसान न हो, इसके लिए संचालक ने दुकान खुली रखी। लोग शिफ्ट करने लगे दुकान और घरअतिक्रमण की जद में आई दुकानें और घरों को लोगों ने शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। खासकर पूरी तरह से दुकान पर आजीविका चलाने वालों में हाईकोर्ट के आदेश का डर और भविष्य की चिंता दिख रही है। ऐसे में लोगों ने अपने दुकानें दूसरे जगह शिफ्ट करनी शुरू कर दी है। व्यापार मंडल ने भी व्यापारियों से कहा कि जो दुकानें शिफ्ट करना चाहते हैं, वह कर सकते हैं। ताकि बड़ा नुकसान न उठाना पड़े। न्यू मीठी बेहड़ी बस्ती पर सबसे ज्यादा खतरा कुछ साल पहले ही रक्षा मंत्रालय से लड़ाई लड़कर मीठी बेहड़ी बस्ती के लोगों ने राहत की सांस ली थी। मगर, अतिक्रमण की जद में पूरी बस्ती आने से लोग भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। प्रेमनगर बाजार से केहरी गांव के बीच इस बस्ती के करीब डेढ़ सौ परिवार अतिक्रमण की जद में हैं। इससे बस्ती के लोग खासे परेशानी नजर आ रहे हैं। लोगों ने यहां घर खाली करने शुरू कर दिए हैं। अतिक्रमण की जद में ये लोग-प्रेनगर बाजार में 155 दुकानें प्रेमनगर बाजार में 84 घरकेहरी गांव में 50 दुकानें केहरी गांव में 30 आवासीय घर शिमला बाईपास रोड में भी हटे अतिक्रमणशिमला बाईपास रोड स्थित मेहूंवाला में भी लोग अतिक्रमण हटाने की मांग करने लगे हैं। यहां हिन्दू समाज विकास समिति ने डीएम को पत्र लिखते हुए बांके बिहारी पेट्रोल पंप से शहीद देवेंद्र रावत स्मारक तक अतिक्रमण हटाने की मांग की है। राजपुर रोड पर 64 अतिक्रमण ध्वस्त, नए 51 चिह्नितहाई कोर्ट के आदेश पर शहर में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत गुरुवार को टास्क फोर्स ने राजपुर रोड पर तीन जेसीबी के साथ अतिक्रमण हटाया। इस दौरान 64 अतिक्रमणों को ध्वस्त किया गया। वहीं 51 नए अतिक्रमण चिह्नित किए गए।टास्क फोर्स ने 11 बजे सिल्वर सिटी मॉल से ध्वस्तीकरण शुरू किया, जो जाखन चौक तक चला। सड़क किनारे कुछ दुकानों व मकानों के पुश्ते भी अतिक्रमण की जद में आ रहे थे, जिन्हें जेसीबी से तोड़ा गया। वहीं सड़क किनारे खाली पड़े प्लॉटों की चहारदीवारी को भी अतिक्रमण की जद में आने पर ध्वस्त किया गया।एमडीडीए टीम से नोंकझोकराजपुर रोड पर एमडीडीए की टीम दुकानों और कॉम्पलेक्स का निरीक्षण कर रही थी। इस बीच जाखन चौक के पास ब्लॉसम स्पा काम्पलेक्स के दुकानदारों से एमडीडीए टीम ने नक्शे मांगे। इसी बात को लेकर वहां दुकानदारों व एमडीडीए के अधिकारियों में नोकझोंक होने लगी। एमडीडीए के अधिकारियों ने दुकानदारों को नक्शा दिखाने के लिए शुक्रवार तक का समय दिया।पुलिस चेकपोस्ट भी अतिक्रमण की जद में मसूरी डायवर्जन पर पुलिस चेकपोस्ट भी अतिक्रमण की जद में आ रहा है। उसके बगल में वन विभाग का खाली पड़ा चेक पोस्ट भी अतिक्रमण की जद में है। राजपुर रोड पर होटल रेजीडेंस पैराडाइज, जाखन टावर रेस्टोरेंट भी अतिक्रमण की जद में आ रहा है।सील खुलवाने को एमडीडीए की दौड़, राहत नहींअतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एमडीडीए ने जिन प्रतिष्ठानों को सील किया है, फिलहाल उन्हें दूर-दूर तक भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इन प्रतिष्ठानों के संचालक एमडीडीए के चक्कर काट रहे हैं, मगर उन्हें लौटा दिया जा रहा है। इतना जरूर है कि लोगों का दिल रखने को शपथ पत्र के साथ उनके आवेदनों को दाखिल जरूर किया जा रहा है। दून की सड़कों पर से अतिक्रमण हटाने के आदेश में हाईकोर्ट ने आवासीय नक्शों पर कमर्शियल निर्माण करने और फिर कंपाउंडिंग कराकर अवैध निर्माण को वैध कराने की प्रवृत्ति पर सवाल खड़े किए थे। इसके साथ ही कोर्ट ने आवासीय नक्शे पर कमर्शियल गतिविधि संचालित करने व बेसमेंट में पार्किंग का प्रयोग न करने पर समूचे भवन को सील करने के आदेश दिए थे। आदेश के अनुपालन में एमडीडीए ने शहरभर अब तक 87 प्रतिष्ठानों को सील किया है। इसमें अस्पताल, होटल, कमर्शियल कॉम्पलेक्स दुकानें आदि शामिल हैं। सालों तक आवासीय में पास भवनों पर व्यावसायिक गतिविधि करने वाले अब अपने भवनों की कंपाउंडिंग कराने के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं और आए दिन प्राधिकरण कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। जबकि प्राधिकरण अधिकारी हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर उन्हें बैरंग लौटा दे रहे हैं। एमडीडीए के संयुक्त सचिव शैलेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि कोर्ट के अग्रिम आदेश तक ऐसे भवनों की कंपाउंडिंग नहीं की जाएगी। कंपाउंडिंग को बताया कानून के खिलाफहाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि सरकार को इस रीति को समाप्त कर देना चाहिए कि पहले कोई भी आवासीय नक्शे पर कमर्शियल निर्माण कर दे और फिर मामूली कंपाउंडिंग फीस अदा कर उसे वैध करा ले। इस प्रवृत्ति को कोर्ट ने कानून के विपरीत बताया है। साथ ही सरकार को आदेश दिया है कि वह बिल्डिंग बायलॉज में आवश्यक संशोधन भी करे, ताकि इस तरह के मामलों पर अंकुश लगाया जा सके। सामान निकालने की दी जा रही मोहलतअतिक्रमण अभियान में अवैध निर्माण को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया था। इसके चलते विभिन्न कमर्शियल प्रतिष्ठानों में कारोबारी साजो-सामान को भी बाहर नहीं निकाल पाए थे। एमडीडीए ऐसे भवनों की कंपाउंडिंग तो नहीं कर रहा है, लेकिन इनसे सामान बाहर निकालने की इजाजत जरूर दी जा रही है।डीडी मोटर्स पर चला पटेलनगर पुलिस का डंडापटेलनगर क्षेत्र के महंत इंदिरेश अस्पताल रोड पर बेतरतीब ढंग से वाहन खड़े कर रास्ता रोकने वाले डीडी मोटर्स पर आखिरकार पुलिस का डंडा चल ही गया। पटेलनगर पुलिस ने डीडी मोटर्स को न केवल सीआरपीसी की धारा 133 के तहत नोटिस दिया बल्कि सड़क पर खड़े 11 वाहनों को लावारिश में दाखिल कर दिया। सड़क पर दोबारा वाहन खड़ा करने पर उन्हें कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।विदित है कि डीडी मोटर्स के कारण पटेलनगर क्षेत्र में मंहत इंदिरेश अस्पताल रोड पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। यहां हर रोज बड़ी संख्या में वाहन सर्विस के लिए आते हैं। पर्याप्त जगह न होने के कारण डीडी मोटर्स द्वारा सर्विस के लिए आने वाले वाहनों को सड़क पर ही बेतरतीब ढंग से खड़ा कर दिया जाता है। यहां तक कि वाहनों की सर्विस भी वह सड़क पर ही करने लगते हैं। जिससे इस रोड पर सुबह से लेकर शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है और यहां से गुजरने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पटेलनगर पुलिस ने हालांकि कई बार डीडी मोटर्स को चेतावनी दी और वाहनों के चालान किए लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ।आखिर पुलिस ने डीडी मोटर्स के खिलाफ कड़ी कर ही दी। कोतवाली प्रभारी सूर्यभूषण नेगी और चौकी बाजार प्रभारी नरोत्तम बिष्ट बिष्ट मय फोर्स मौके पर पहुंचे और सड़क और गलियों से वाहनों को हटाकर 11 वाहनों को लावारिश में दाखिल कर दिया। जबकि डीडी मोटर्स को सार्वजनिक सड़क को बाधित करने और अतिक्रमण करने पर सीआपीसी की धारा 133 के तहत नोटिस भी थमा दिया। साथ ही डीडी मोटर्स को भविष्य में सड़क पर वाहन खड़ा न करने की सख्त हिदायत देते हुए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। यह भी पढ़ें: विवाद के बीच प्रेमनगर में 293 अतिक्रमण पर 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