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मानसून सीजन में आपदा से ऊर्जा निगम को करोड़ों का नुकसान, अकेले रुद्रप्रयाग में ही 100 करोड़ की धनहानि

Uttarakhand News वैसे तो जुलाई और अगस्त के माह में पूरे उत्तराखंड में मानसून चरम पर होने से जमकर बारिश होती है लेकिन यह मानसूनी बारिश पहाड़ से मैदान तक गहरे जख्म दे जाती है। ऊर्जा निगम को इस आपदा में भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। केदारघाटी में बिजलीघर से लेकर अन्य उपकरणों को भारी क्षति पहुंची है।

By Vijay joshi Edited By: Riya Pandey Updated: Tue, 13 Aug 2024 08:15 PM (IST)
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पहाड़ों में विद्युत वितरण प्रणाली पर भी मौसम की मार
विजय जोशी, देहरादून। मानसून की बारिश इस बार भी उत्तराखंड में आपदा का कहर बरपा रही है। खासकर पहाड़ों में भारी भूस्खलन के कारण जगह-जगह जानमाल की हानि हो रही है। पहाड़ों में विद्युत वितरण प्रणाली पर भी मौसम की मार पड़ी है।

इस मानसून सीजन में अकेले ऊर्जा निगम को ही करीब 126 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में करीब साढ़े चार सौ किलोमीटर लंबी विद्युत लाइनें और तीन हजार से अधिक पोल क्षतिग्रस्त हो गए। इसके साथ ही प्रदेशभर में 400 से अधिक ट्रांसफार्मर को नुकसान पहुंचा है। इसमें सर्वाधिक नुकसान रुद्रप्रयाग जिले में हुआ है।

केदारघाटी में बिजलीघर से लेकर अन्य उपकरणों को भारी क्षति

केदारघाटी में बिजलीघर से लेकर अन्य उपकरणों को भारी क्षति पहुंची है। हालांकि, ऊर्जा निगम की ओर से युद्ध स्तर पर उपकरणों की मरम्मत और नए उपकरण लगाकर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुचारू करने का दावा किया जा रहा है।

उत्तराखंड में वैसे तो जुलाई और अगस्त पूरे प्रदेश में मानसून चरम पर होने से जमकर बारिश होती है, लेकिन यह मानसूनी बारिश पहाड़ से मैदान तक गहरे जख्म दे जाती है। ऊर्जा निगम को इस आपदा में भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। खासकर पहाड़ों में आए दिन हो रहे भूस्खलन और अतिवृष्टि की घटना से विद्युत वितरण प्रणाली को झटका लग रहा है।

ऊर्जा निगम की करोड़ों की संपत्ति चढ़ गई आपदा की भेंट

केदारघाटी में बीते दिनों ऊर्जा निगम की करोड़ों की संपत्ति आपदा की भेंट चढ़ गई। इसके अलावा अन्य जिलों में बड़ी संख्या में विद्युत लाइन, पोल और ट्रांसफार्मर को क्षति पहुंच रही है।

अतिसंवेदनशील रुद्रप्रयाग जिले में इस मानसून सीजन में अब तक 27 किमी से अधिक लंबाई की विद्युत लाइनें, कुल 236 बिजली के पोल, 10 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए। अन्य जिलों में भी नदी-नालों के उफान में बिजली की लाइनें और पोल बह गए। कुछ स्थानों पर बिजली घरों को भी नुकसान पहुंचा है।

ऊर्जा निगम के निदेशक परिचालन एमआर आर्य ने बताया कि प्रदेश में ऊर्जा निगम ने संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त कार्मिक व उपकरण तैनात किए हैं। किसी भी आपदा की स्थिति में जल्द से जल्द आपूर्ति बहाल की जा रही है।

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इस वर्ष आपदा से ऊर्जा निगम को हुई क्षति

जिला लाइन पोल ट्रांसफार्मर अनुमानित क्षति
अल्मोड़ा 19.34 180 24 1.98 करोड़
चमोली 76.06 597 14 3.90 करोड़
चंपावत 21.5 29 18 2.03 करोड़
देहरादून 40.67 324 32 2.96 करोड़
हरिद्वार 30.22 408 61 1.55 करोड़
नैनीताल 17.82 164 53 1.15 करोड़
पौड़ी 49.77 160 12 1.15 करोड़
पिथौरागढ़ 27.47 257  50 1.84 करोड़
रुद्रप्रयाग 27.26 236 10 102.12 करोड़
टिहरी 78.24 314 20 3.24 करोड़
ऊधमसिंह नगर 27.02 285 105 3.31 करोड़
उत्तरकाशी 31.74 219 03 1.16 करोड़
कुल 447.1 3173 402 126.47 करोड़
(विद्युत लाइनों की लंबाई किमी में है और पोल व ट्रांसफार्मर की संख्या नग में है।)

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