ऊर्जा के लिए लोकनीति, प्रबंधन और आर्थिक सुधार जरूरी, पढ़िए पूरी खबर
सीएसआइआर के तत्वावधान में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में आयोजित दो दिवसीय सेफ्को 2019 में पद्मश्री डॉ. स्वामीनाथन शिवराम ने कहा कि ऊर्जा के लिए दूसरे स्रोत पर भी ध्यान देना होगा।
By Edited By: Updated: Sat, 11 May 2019 01:07 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के तत्वावधान में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में दो दिवसीय सेफ्को 2019 का आगाज हो गया। इस मौके पर दून क्षेत्र के 11 केंद्रीय विद्यालय के बाल वैज्ञानिकों ने ऊर्जा समेत दूसरे क्षेत्रों पर बनाए गए 25 मॉडल प्रदर्शित किए।
मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. स्वामीनाथन शिवराम ने कहा कि ऊर्जा के लिए सौर ऊर्जा के अलावा दूसरे स्रोत पर भी ध्यान देना होगा। तभी ऊर्जा भविष्य निर्माण की चुनौतियों को पूरा किया जा सकेगा। भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आइआइपी) मोहकमपुर में ऊर्जा भविष्य निर्माण की चुनौतियो पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि ऊर्जा अंतरण की प्रक्रिया बहुत धीमी है। केवल प्रौद्योगिकी मात्र से सभी प्रकार के समाधान संभव नहीं है। इसके लिए लोकनीति, अवसंरचना प्रबंधन तथा आर्थिक सुधार जरूरी हैं।उन्होंने सीएसआइआर-आइआइपी द्वारा ऊर्जा के क्षेत्र में समाज एवं राष्ट्र हित में किए जा रहे कायरें की सराहना की। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि निदेशक पीईआरसी चेन्नई डॉ. वी सिवसुब्रह्मण्यन ने वैज्ञानिकों एवं छात्रों को ऊर्जा उत्पादन एवं मीथेन उत्पादन के नए विकल्पों के संबंध में जानकारी दी।
इससे पहले छात्र संयोजक अमित कुमार ने सेफ्को 2019 के विषयों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ऊर्जा एवं पर्यावरण हेतु पॉलीमर, अपशिष्ट कार्बन उपयोग, हरित रसायनविज्ञान, ऊर्जा अनुप्रयोग तथा प्रचालन एवं सर्कुलर अर्थव्यवस्था आदि संगोष्ठी में शामिल किए गए हैं। सीएसआइआर-आइआइपी के निदेशक डॉक्टर अंजन रे ने राष्ट्र के विकास में सीएसआइआर आइआइपी द्वारा पेट्रोल तथा इससे संबद्ध क्षेत्र में किए गए योगदान पर प्रकाश डाला। इससे पहले दून क्षेत्र के 11 केंद्रीय विद्यालयों के 35 छात्र-छात्राओं ने 25 मॉडल प्रदर्शित किए गए। इन मॉडल की अतिथियों और वैज्ञानिकों ने खूब तारीफ की।बायोजेट संस्थान की उपलब्धि
इस मौके पर बताया गया कि भारतीय पेट्रोलियम संस्थान द्वारा विकसित बायोजेट ईंधन से भारत में पहली हरित विमान उड़ान सफल हुई। इससे स्पाइसजेट एवं भारतीय वायु सेना के विमानों ने बायोजेट ईंधन मिश्रित ईंधन से सफल उडान भरी है। इस उपलब्धि में वैज्ञानिकों का अथक प्रयास शामिल है। ये मॉडल किए
प्रदर्शित संगोष्ठी में दून क्षेत्र के 11 केंद्रीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने दिव्याग जनों अथवा रोगियों के लिए हाव-भाव से नियंत्रित होने वाली व्हील चेयर, अपशिष्ट नुप्रयोग, स्वच्छ जल, एसी/डीसी जनरेटर तथा इंड्यूसड विद्युत जनरेटर आदि मॉडल प्रदर्शित किए गए। इस दौरान छात्र-छात्राओं की प्रतिभा की तारीफ करते हुए वैज्ञानिकों ने उन्हें प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।यह भी पढ़ें: इस बीमारी से 30 दिन खुला रहा मरीज का मुंह, डॉक्टरों ने की सर्जरीयह भी पढ़ें: लेप्रोस्कॉपी सर्जरी की तकनीक और उपयोगिता पर हुआ मंथनलोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
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