बिजली की खराब आपूर्ति पर दो एसई समेत सात अभियंताओं पर गिरी गाज
बिजली की खराब आपूर्ति की गाज ऊर्जा निगम के सात अभियंताओं पर गिरी। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने सभी को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करने के निर्देश दिए।
By Edited By: Updated: Thu, 18 Jul 2019 01:00 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर जिलों और हल्द्वानी में बिजली की खराब आपूर्ति की गाज ऊर्जा निगम के सात अभियंताओं पर गिरी। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने दो अधीक्षण अभियंताओं (एसई), चार अधिशासी अभियंताओं और एक उपखंड अधिकारी को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। इन क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति से जुड़े व पांच वर्ष से अधिक समय से कार्यरत अवर अभियंताओं और उपखंड अधिकारियों को भी तीन दिन में हटाया जाएगा। लाइनमैन को सात दिन और लेखाकारों को भी 10 अगस्त तक स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं। विद्युत सेवा में ढिलाई बरतने वाले कार्मिकों की वार्षिक गोपनीय आख्या में प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज की जाएगी।
खराब बिजली आपूर्ति को लेकर सख्त हिदायत के बावजूद ऊर्जा निगम के अधिकारी बाज नहीं आए। देहरादून समेत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की लचर आपूर्ति को देखकर ऊर्जा सचिव राधिका झा बिफर गईं। बुधवार को ऊर्जा भवन परिसर के कॉन्फ्रेंस रूम में ऊर्जा निगम में बिजली आपूर्ति, राजस्व वसूली और बिजली चोरी की जांच की समीक्षा के दौरान देहरादून जिले, औद्योगिक क्षेत्र हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर एवं हल्द्वानी में बिजली आपूर्ति की खराब व्यवस्था के लिए सचिव ने संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने विद्युत वितरण मंडल रुड़की के अधीक्षण अभियंता अमित शर्मा, विद्युत वितरण मंडल हल्द्वानी के अधीक्षण अभियंता शेखरचंद त्रिपाठी, विद्युत वितरण खंड सिडकुल हरिद्वार के अधिशासी अभियंता युद्धवीर सिंह तोमर, विद्युत वितरण खंड मोहनपुर के अधिशासी अभियंता मोहन मित्तल, विद्युत वितरण खंड-नगरीय रुड़की के अधिशासी अभियंता अनूप सैनी, विद्युत वितरण खंड उत्तर, देहरादून के अधिशासी अभियंता विजय कुमार सिंह और विद्युत वितरण उपखंड सिडकुल हरिद्वार के उपखंड अधिकारी शशिकांत को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करने के आदेश प्रबंध निदेशक को दिए।
बिजली चोरी पर नहीं लगी रोक
उन्होंने निगम कार्यालयों में बायोमीट्रिक प्रणाली को क्रियाशील रखने की सख्त हिदायत दी। सितारगंज में बिजली चोरी में विभागीय कर्मचारियों के साथ उपनल स्टाफ की संदिग्ध भूमिका देखते हुए कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। उन्होंने विद्युत चोरी पर प्रभावी अंकुश लगाने को प्रतिमाह जांच की धीमी गति पर भी सचिव ने नाराजगी जताई। इस जांच के बारे में प्रगति आख्या नहीं भेजने पर संबंधित मुख्य अभियंता के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए गए। उन्होंने राजस्व वसूली की धीमी रफ्तार पर रोष जताया। बिजली के झूलते तारों को समय पर दुरुस्त करने की हिदायत दी गई।
दर्ज शिकायतों का निपटारा नहीं
ऊर्जा सचिव राधिका झा ने विद्युत उपभोक्ता सेवा केंद्र एवं स्काडा सेंटर का मुआयना किया। इस दौरान कॉल सेंटर व टोल फ्री नंबर पर दर्ज शिकायतों पर समुचित कार्यवाही न किए जाने पर अधिकारियों को चेताया। साथ में निदेशक परिचालन व संबंधित अधिशासी अभियंता को एक माह के भीतर उक्त व्यवस्था सुचारू करने के निर्देश दिए गए। अधिकारियों की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट में उक्त सभी बिंदुओं का संज्ञान लेने के निर्देश भी दिए गए। बैठक में निगम के प्रबंध निदेशक, तमाम निदेशक, समस्त मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता मौजूद थे। यह भी पढ़ें: अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जीवाड़े पर कसेगी नकेल, तैयार होगा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजरयह भी पढ़ें: सीओ नरेंद्रनगर पर गिरी गाज, शासन ने बैठाई जांच; जानिए क्या है पूरा मामला
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।