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देहरादून: अंग्रेजी सिखाने को नया तंत्र करना होगा विकसित, जानिए सम्मेलन में और क्या बोले विशेषज्ञ

जीएलए यूनिवर्सिटी के ही अंग्रेजी विभाग के प्रमुख प्रो. पंचानन मोहंत ने अंग्रेजी भाषा की अवधारणा पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी आज दुनिया की नई जरूरत है। भारतीय संदर्भ में अंग्रेजी भाषा सिखाने के लिए नया शिक्षाशास्त्र विकसित करना होगा।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Mon, 22 Nov 2021 11:27 AM (IST)
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देहरादून: अंग्रेजी सिखाने को नया तंत्र करना होगा विकसित।
जागरण संवाददाता, देहरादून। अंग्रेजी विदेशी भाषा नहीं, बल्कि आज की जरूरत है। सभी को इसका ज्ञान होना आवश्यक है। यह बात जीएलए यूनिवर्सिटी मथुरा के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने इंग्लिश लैंग्वेज टीचर एसोसिएशन आफ इंडिया (ईएलटीएआइ) की राष्ट्रीय कार्यशाला में कही। जीएलए यूनिवर्सिटी के ही अंग्रेजी विभाग के प्रमुख प्रो. पंचानन मोहंत ने अंग्रेजी भाषा की अवधारणा पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी आज दुनिया की नई जरूरत है। भारतीय संदर्भ में अंग्रेजी भाषा सिखाने के लिए नया शिक्षाशास्त्र विकसित करना होगा।

चार दिवसीय यह कार्यशाला रविवार को देहरादून में उत्तरांचल विश्वविद्यालय में शुरू हुई। यह ईएलटीएआइ की 51वीं वार्षिक कार्यशाला है, जिसका उद्घाटन उत्तरांचल विवि के कुलाधिपति जितेंद्र जोशी ने दीप जलाकर किया। कार्यशाला में भारत, आस्ट्रेलिया, मलेशिया, इंडोनेशिया, नेपाल, यूके, यूएसए, न्यूजीलैंड, ब्राजील, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, थाईलैंड, म्यांमार समेत 18 देशों से लगभग 250 विशेषज्ञ वर्चुअल माध्यम से जुड़े। कुलाधिपति जितेंद्र जोशी ने कार्यशाला का उद्देश्य बताते हुए कहा कि दुनिया में नए विचारों, प्रवृत्तियों और जरूरतों को एक मंच पर अंग्रेजी भाषा लाती है। जीएलए यूनिवर्सिटी मथुरा के प्रो. अनूप गुप्ता ने कार्यशाला में जुटे विशेषज्ञों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हर जगह है, लेकिन इसे अपनाना मायावी है।

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इस दौरान उत्तरांचल विवि के कुलाधिपति जितेंद्र जोशी, ईएलटीएआइ के उपाध्यक्ष डा. राजेश बहुगुणा और प्रो. श्रवण कुमार ने कार्यशाला में जर्नल आफ इंग्लिश लैंग्वेज टीचिंग ए यूजीसी केयर इंडेक्स का विमोचन भी किया। पिल्लई कालेज बेंगलुरु के सीईओ डा. केएम वासुदेवम ने ईएलटीएआइ के न्यूजलेटर का विमोचन किया। कार्यशाला में प्रसिद्ध लेखक डा. रूथ गोडे, पद्मभूषण रस्किन बांड व ईएलटीएआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. संजय अरोड़ा ने भी विचार रखे।

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