उत्तराखंड के जंगलों में रोपे एक-एक पौधे की होगी निगरानी
आग समेत अन्य प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेलते आ रहे उत्तराखंड में इसका असर हरियाली पर न पड़े अब पौधारोपण के मामले में संजीदगी से कदम उठाए जा रहे हैं। विभाग ने जंगलों में चल रहे पौधारोपण के तहत रोपे जा रहे पौधे की निगरानी का निर्णय लिया है।
By Sumit KumarEdited By: Updated: Wed, 07 Jul 2021 06:10 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून: आग समेत अन्य प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेलते आ रहे उत्तराखंड में इसका असर हरियाली पर न पड़े, इसे लेकर अब पौधारोपण के मामले में संजीदगी से कदम उठाए जा रहे हैं। वन विभाग ने जंगलों में चल रहे पौधारोपण के तहत रोपे जा रहे एक-एक पौधे की निगरानी का निर्णय लिया है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए उन्हें निरंतर फील्ड विजिट के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तराखंड में वन विभाग हर साल डेढ़ से दो करोड़ पौधे लगाता है, लेकिन इसे लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। जंगलों में रोपे गए पौधों में से कितने जीवित रहते हैं, इसका कोई आधिकारिक ब्योरा नहीं है। इसके अलावा प्रतिवर्ष वनों में लगने वाली आग से भी बड़ी संख्या में प्लांटेशन नष्ट हो जाते हैं तो जंगलों में अतिवृष्टि, बादल फटने, भूस्खलन जैसे कारणों का असर भी रोपे गए छोटे पौधों पर पड़ता है। इस सबको देखते हुए वन विभाग ने इस बार पौधारोपण की मानीटरिंग पर खास फोकस करने की ठानी है। प्रदेश में वर्तमान में 14 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र में 1.37 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। यह मुहिम तेजी से चल रही है और पौधारोपण का कार्य इस माह के आखिर तक पूरा कराने पर जोर है। रोपित पौधों की मानीटरिंग का प्लान इस तरह से तैयार किया जा रहा है, जिससे यह पता चल सकेगा कि कहां-कहां कितने पौधे लगाए गए और इनमे से कितने जीवित हैं।
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यह है मानीटरिंग का प्लान
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- पौधारोपण से पहले और रोपण के बाद संबंधित क्षेत्र के खींचे जाएंगे फोटो।
- विभागीय अधिकारी पौधारोपण कार्यों का नियमित रूप से करेंगे निरीक्षण
- नियमित अंतराल में पौधारोपण वाले क्षेत्र का किया जाएगा दौरा
- ड्रोन के माध्यम से भी रोपित पौधों पर रखी जाएगी नजर
- यदि किसी क्षेत्र में पौधे मृत अथवा विभिन्न कारणों से नष्ट होते हैं तो वहां तुरंत रोपे जाएंगे नए पौधे