हर साल उत्तराखंड में 3500 उद्योगों का हो रहा इजाफा
उत्तराखंड में तकरीबन साढ़े तीन हजार उद्योगों का हर साल इजाफा हो रहा है। इसकी वजह उद्यमियों का भरोसा बढ़ना बताई जा रही है।
By Edited By: Updated: Tue, 09 Oct 2018 02:03 PM (IST)
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में मध्यम, लघु, सूक्ष्म उद्योगों की रफ्तार से सरकार की बांछें खिली हैं। इस सेक्टर की सालाना ग्रोथ 18 फीसद है, यानी तकरीबन साढ़े तीन हजार उद्योगों का हर साल इजाफा हो रहा है। इसकी वजह उद्यमियों का भरोसा बढ़ना बताई जा रही है।
इन्वेस्टर्स समिट में सोमवार को आयोजित एमएसएमई सत्र में देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले उद्यमियों के सामने राज्य में इस सेक्टर की प्रगति का ब्योरा रखा गया। उन्हें बताया गया कि जून, 2016 से जून 2018 के बीच 50 हजार उद्यम बढ़े हैं। ये उद्यमी 'न्यू टू क्रेडिट' से लिंक हुए हैं। उद्यमियों को 12 फोकस सेक्टर में एमएसएमई की भागीदारी पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।इस सत्र में बतौर मुख्य अतिथि प्रकाश पंत ने निवेशकों को पूंजी निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों के अनुकूल माहौल है। कुलश मानव संसाधन, सस्ती बिजली और कानून व्यवस्था के बूते देश के किसी अन्य राज्य से बेहतर माहौल उत्तराखंड में है। कौशल विकास में 13800 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया। एक लाख युवाओं को इस वर्ष प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर में पूंजी निवेश बढ़ने से रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे।
उद्यमियों और व्यापारी संगठनों से मिले सुझावों के आधार पर दस नीतियां बनाई गई हैं। इनमें निवेश के अनुकूल प्रावधान किए गए हैं। मध्यम व लघु व्यवसायियों को कई तरह की सहूलियतें दी गई। पिथौरागढ़, चंपावत, चमोली, उत्तरकाशी व हिमालय से लगे क्षेत्रों में उद्यम स्थापित करने वाले उद्यमियों को भूमि खरीद में स्टांप शुल्क में सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य में सड़क, रेल व वायु कनेक्टिविटी बेहतर है। हर साल 800 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो रहा है। 250 की आबादी वाले गांवों को मोटर मार्ग से जोड़ा गया है। उत्तराखंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि बीते दो-तीन वर्षो से हर साल 900 से 1000 करोड़ का निवेश इस सेक्टर में हो रहा है। आने वाले समय में बड़ा निवेश इस सेक्टर में होना तय है। राज्य में 56 हजार पंजीकृत एमएसएमई हैं, जबकि तीन लाख उद्यमियों को इंस्टीट्यूशनल क्रेडिट मिल रहा है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य में लैंड बैंक की चुनौती है। वेबसाइट पर लैंड बैंक के बारे में जानकारी दी गई है। जिला स्तर पर लैंड बैंक बनने की उम्मीद है। इस अवसर पर भारत सरकार के अपर सचिव राममोहन मिश्रा, उद्योग प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, उद्योग प्रबंध निदेशक सौजन्या के साथ विभिन्न उद्योग समूहों के प्रतिनिधियों, विषय विशेषज्ञों, बैंकर्स ने विचार रखे।यह भी पढ़ें: आर्थिक तरक्की का गवाह बना अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, खुशहाली को लेकर हुआ मंथन
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