प्रदेश में बढ़ गया स्वामित्व योजना का दायरा
देश में स्वामित्व योजना का दायरा बढ़ाया गया है। केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए पहले तय लक्ष्य से अतिरिक्त तकरीबन 1000 गांवों को इसमें शामिल किया है। इससे राज्य में करीब 7300 गांवों में व्यक्तियों को संपत्ति कार्ड मिल सकेंगे।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 04 Dec 2020 02:42 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में स्वामित्व योजना का दायरा बढ़ाया गया है। केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए पहले तय लक्ष्य से अतिरिक्त तकरीबन 1000 गांवों को इसमें शामिल किया है। इससे राज्य में करीब 7300 गांवों में व्यक्तियों को संपत्ति कार्ड मिल सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीती 24 अप्रैल को महत्वाकांक्षी स्वामित्व योजना प्रारंभ की थी। इसके तहत उत्तराखंड में मार्च, 2021 तक 6227 गांवों में भूमि के सर्वे का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना में पहले अल्मोड़ा, पौड़ी और ऊधमसिंहनगर जिलों को शामिल किया गया था। बाद में अल्मोड़ा जिलाधिकारी की ओर से असमर्थता जताने के बाद हरिद्वार जिले को इस योजना में शामिल किया जा चुका है।
राजस्व और पंचायतीराज विभाग संयुक्त रूप से इस योजना को सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से क्रियान्वित कर रहे हैं। गांवों के भीतर संपत्तियों के सर्वे का काम सर्वे ऑफ इंडिया की मदद से किया जा रहा है। इस योजना का मकसद गांवों में परिसंपत्तियों को लेकर विवाद और भ्रम को दूर करना है। इसमें ड्रोन से सर्वे कर गांवों में भूमि की स्थिति साफ की जा रही है। इससे गांवों में संपत्तियों को लेकर झगड़े सुलझेंगे और भू-अभिलेख दुरुस्त होंगे। इसका सीधा फायदा ग्रामीणों को अपनी संपत्ति पर मिलने वाले ऋण के रूप में होगा। प्रत्येक भू-स्वामी को स्वामित्व कार्ड दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीती 11 अक्टूबर को स्वामित्व योजना 'मेरी संपत्ति मेरा हक' पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 50 गांवों के 6804 लोगों को संपत्ति कार्ड बांटे थे। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से बात भी की थी। पीएम मोदी ने उत्तराखंड समेत छह राज्यों के 763 गांवों के एक लाख लोगों को संपत्ति कार्ड के वितरण की डिजिटल शुरुआत की थी। राजस्व सचिव सुशील कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में चालू वित्तीय वर्ष के लिए स्वामित्व योजना का दायरा बढ़ाया है। इस योजना में देहरादून जिले को भी शामिल किया जा रहा है। जिले के गांवों में भी सर्वे कार्य जल्द शुरू कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि चार साल के भीतर प्रदेश के सभी गांव इस योजना से आच्छादित हो जाएंगे।
50 गांवों में 400 से ज्यादा संपत्ति विवाद के मामले स्वामित्व योजना में प्रदेश में अब तक गांवों में बांटे गए 6800 से ज्यादा प्रमाणपत्रों में 400 से अधिक संपत्ति विवाद सामने आए। इन विवादों के समाधान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दरअसल गांवों में व्यक्तियों को अपनी संपत्ति का मालिकाना प्रमाणपत्र तो मिल ही रहा है, साथ में पीढ़ियों से चले आ रहे भूमि व संपत्ति विवादों का निपटारा होने लगा है। बीती 11 अक्टूबर को इस योजना में पौड़ी के 10 और ऊधमसिंहनगर के 40 गांवों के 6800 से ज्यादा व्यक्तियों को संपत्ति प्रमाणपत्र वितरित किए गए थे। इन गांवों में 400 से ज्यादा संपत्ति विवाद सामने आए। राजस्व सचिव सुशील कुमार ने बताया कि इन विवादों का निपटारा प्रशासन की मदद से किया जा रहा है।
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