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Uttarakhand News: आदि कैलास-ओम पर्वत समेत सात चोटियों के होंगे हवाई दर्शन, जानिए कब से शुरू होगी पहली उड़ान

उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए एक नया आयाम जुड़ने जा रहा है। अब आप 17 से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलाश ओम पर्वत पांडव पर्वत पांडव किला कुंती पर्वत ब्रह्मा पर्वत और शेषनाग पर्वत का हवाई दर्शन कर सकेंगे। एमआई-17 हेलीकॉप्टर से होने वाली इस हवाई यात्रा का पहला उड़ान 15 नवंबर को संभावित है।

By kedar dutt Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 09 Oct 2024 08:47 AM (IST)
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यात्रियों को सब्सिडी के बाद 40 हजार रुपये चुकाने होंगे। जागरण

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड अब इस क्षेत्र में नया आयाम जोड़ने जा रहा है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में 17 से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलास व ओम पर्वत के साथ ही पांडव पर्वत, पांडव किला, कुंती पर्वत, ब्रह्मा पर्वत व शेषनाग पर्वत का लोग एमआइ-17 हेलीकाप्टर से हवाई दर्शन कर सकेंगे।

यह प्रयोग सफल रहने के बाद अब उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और रुद्राक्ष एविएशन के मध्य इस सिलसिले में जल्द ही एमओयू हस्ताक्षरित होगा। एविशन कंपनी के मुताबिक इन चोटियों के हवाई दर्शन के दृष्टिगत पहली उड़ान 15 नवंबर को संभावित है।

इसमें एक यात्री का टिकट 66 हजार रुपये रखा गया है, जिसमें परिषद 26 हजार रुपये प्रति यात्री की दर से सब्सिडी देगी। यानी यात्री को इसके लिए 40 हजार रुपये चुकाने होंगे।

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उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित धार्मिक महत्व की मनोरम चोटियों का आकर्षण हर किसी को अपनी ओर खींचता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब आदि कैलास की यात्रा की तो इसके बाद से आकर्षण और अधिक बढ़ा है।

इस सबको देखते हुए हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने वर्तमान में आदि कैलास व ओम पर्वत के लिए पांच दिवसीय पैकेज टूर शुरू किया है। यह पैकेज पिथौरागढ़ से संचालित हो रहा है। इसमें गुंजी तक का सफर हेलीकाप्टर और शेष सड़क मार्ग से किया जाता है।

परिषद ने अब नवंबर में आदि कैलास व ओम पर्वत समेत धार्मिक महत्व की सात चोटियों के हवाई दर्शन का खाका खींचा है। इसके लिए रुद्राक्ष एविएशन कंपनी के साथ हाथ मिलाया गया है, जो एमआइ-17 हेलीकाप्टर से यात्रियों को इन चोटियों का हवाई दर्शन कराएगी।

इसी कड़ी में एक व तीन अप्रैल को हुआ ट्रायल सफल रहा, जिसमें 18-18 यात्रियों ने एमआइ-17 से इन चोटियों के दर्शन किए। इसके बाद परिषद ने पहल को आगे बढ़ाया, जो अब धरातल पर उतरने जा रही है।

रुद्राक्ष एविशन कंपनी के सीईओ कैप्टन पीके छाबरी के अनुसार हवाई दर्शन के लिए पिथौरागढ़ के नैनी-सैनी हवाई अड्डे से यह उड़ानें भरी जाएंगी। एक उड़ान लगभग ढाई घंटे की होगी। जल्द ही परिषद और कंपनी के मध्य इस योजना के लिए एमओयू हस्ताक्षरित होगा।

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साइबर व्यवधान से अटका एमओयू

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और रुद्राक्ष एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के मध्य सोमवार को एमओयू प्रस्तावित था, लेकिन तब साइबर व्यवधान के चलते ई-फाइल पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी का अनुमोदन नहीं मिल पाया। परिणामस्वरूप इसे टालना पड़ा। परिषद से मिली जानकारी के अनुसार अब जल्द ही इसकी तिथि तय की जाएगी।

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