दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की 12 KM एलिवेटेड रोड तैयार, जानें क्यों खास होगा सफर- कब तक होगा चालू
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड बनकर तैयार है। यह रोमांचक सफर राजाजी टाइगर रिजर्व और शिवालिक वन प्रभाग के घने जंगल से होकर गुजरेगा। एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत कैमरे और इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम लगाए गए हैं। दिसंबर 2024 में इसे वाहनों के लिए खोला जाएगा। दूरी 23 किलोमीटर कम हो जाएगी और यह सफर ढाई घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
सुमन सेमवाल, देहरादून। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे पर जंगल के बीच रोमांच का सफर शुरू होने वाला है। एक्सप्रेसवे की 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड बनकर तैयार हो गई है। एलिवेटेड रोड का सफर इसलिए भी खास होगा, क्योंकि यह राजाजी टाइगर रिजर्व और शिवालिक वन प्रभाग के घने जंगल के बीच से गुजर रहा है। रोमांच के इस सफर के लिए वाहन चालक बेकरार दिख रहे हैं। हालांकि, अंतिम चरण के कुछ कार्य शेष होने के कारण इसे राजमार्ग के वाहनों के लिए दिसंबर 2024 में खोला जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) का देहरादून स्थित परियोजना निदेशक कार्यालय एलिवेटेड रोड को चाक चौबंद बनाने में जुटा है। वर्तमान में साइनेज के साथ ही एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत कैमरे और इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम लगाने संबंधी कार्यों को किया जा रहा है। वहीं, एलिवेटेड रोड पर स्लैब डालने के बाद बीते रविवार को सड़क पर पेंटिंग संबंधी कार्यों को भी पूरा किया जा चुका था।
23 किमी कम हुई दिल्ली की दूरी, ढाई घंटे में पूरा होगा सफर
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे परियोजना का अंतिम हिस्सा यही एलिवेटेड रोड, इससे लगी डाटकाली टनल और आरटीओ चेकपोस्ट तक बना फ्लाईओवर है। यह तीनों कार्य पूरे किए जा चुके हैं। वर्तमान में दिल्ली से देहरादून के बीच की दूरी 236 किलोमीटर है, जो परियोजना के सभी पैकेज पूर्ण होने के बाद घटकर 213 किलोमीटर रह जाएगी। यानी, दूरी 23 किलोमीटर कम हो जाएगी और यह सफर ढाई घंटे में पूरा किया जा सकेगा।एलिवेटेड रोड पर कैमरे मापेंगे स्पीड, आनलाइन कटेगा चालान
एलिवेटेड रोड पर रफ्तार के शौकीनों को नियंत्रण में रखने के लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) की व्यवस्था की जाएगी। इसके माध्यम से कैमरे स्पीड पर निगाह रखेंगे और तय मानक से अधिक रफ्तार पाए जाने पर आनलाइन चालान कटेगा।
दुर्घटना की सूचना स्वत: कंट्रोल रूम को मिलेगी
एलिवेटेड रोड पर वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम (वीआइडीएस) लगाए जाएंगे। जो सड़क दुर्घटना की दशा में स्वत: ही कंट्रोल रूम को सूचना भेज देंगे। ताकि समय राहत एवं बचाव कार्य किए जा सकें। दिसंबर माह तक यह कार्य भी पूरा कर दिया जाएगा।दून और समीपवर्ती उत्तर प्रदेश में परियोजना का स्वरूप
एलिवेटेड रोड उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गणेशपुर से शुरू हो रही है। जो पिलर पर 12 किलोमीटर लंबी है और उत्तराखंड के देहरादून में डाटकाली क्षेत्र पर जुड़ रही है। सहारनपुर से आने के लिए डाटकाली पर नई टनल बनाई गई है, जबकि आते समय पहले से टनल बनी है। इसके बाद आरटीओ चेकपोस्ट तक फ्लाईओवर बनाया गया है। इसके बाद आगे का सफर देहरादून-हरिद्वार राजमार्ग से तय किया जाएगा।11 हजार 970 करोड़ की है पूरी परियोजना
एनएचएआइ अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली-दून एक्सप्रसेवे का निर्माण 213 किलोमीटर पर कुल 11 पैकेज में गतिमान है। यह कार्य प्राधिकरण के अलग-अलग परियोजना कार्यालय देख रहे हैं। माना जा रहा है कि सभी कार्यालयों के कार्य दिसंबर 2024 तक पूरे कर दिए जाएंगे।इन पैकेज में चल रहा एक्सप्रेसवे का निर्माण
- अक्षरधाम-दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा
- अक्षरधाम-दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा
- ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास
- ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास
- ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास
- ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास
- सहारनपुर बाईपास-गणेशपुर एक्सेस कंट्रोल
- सहारनपुर बाईपास-गणेशपुर एक्सेस कंट्रोल
- गणेशपुर-देहरादून (एक भाग)
- गणेशपुर-देहरादून (दूसरा भाग)
- गणेशपुर-देहरादून (तीसरा भाग)
एक्सप्रेसवे परियोजना के यह भी खास बिंदु
- 05 रेलवे ओवर ब्रिज
- 110 वाहन अंडरपास
- 76 किमी सर्विस रोड
- 29 किमी की एलिवेटेड रोड
- 16 एग्जिट और एंट्री प्वाइंट