इन अत्याधुनिक मशीनों से लैस हुआ गांधी अस्पताल, जानिए
गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय अत्याधुनिक मशीनों से लैस हो गया है। सीएम ने यहां 26 नई 108 एंबुलेंस को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
By Edited By: Updated: Mon, 28 Jan 2019 08:41 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय को हंस फाउंडेशन ने करीब दो करोड़ रुपये की 12 अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध कराई हैं। रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मशीनों का लोकार्पण किया। उन्होंने 26 नई 108 एंबुलेंस को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
हंस फाउंडेशन के सीईओ एसएम मेहता ने बताया कि फाउंडेशन की ओर अस्पताल को सर्जिकल माइक्रोस्कोप, ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) मशीन, याग लेजर, स्लिट लैंप व फेको मशीन आदि उपलब्ध कराई हैं। मुख्यमंत्री ने हंस फाउंडेशन का आभार जताया। उन्होंने कहा कि फरवरी माह तक प्रदेश को 50 और नई एंबुलेंस मिल जाएंगी। इस दौरान एनएचएम के मिशन निदेशक युगल किशोर पंत, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टीसी पंत, निदेशक एनएचएम डॉ. अंजली नौटियाल, मुख्य चिकित्साधिकारीडॉ. एसके गुप्ता, अस्पताल के सीएमएस डॉ. बीसी रमोला, एसीएमओ डॉ. संजीव दत्त, प्रातीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. डीपी जोशी, उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन की अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला आदि उपस्थित रहे।
संयोग है कार में डिलीवरी रुद्रप्रयाग जिले में ऑल्टो कार में डिलीवरी होने के सवाल पर सीएम 108 सेवा का बचाव करते दिखे। उन्होंने इसे संयोग बताया। सीएम ने कहा कि वहां तैनात एंबुलेंस संभवत: किसी दूसरी घटना पर गई होगी। उन्होंने कहा कि लोग घटना की तत्काल सूचना दें। ताकि मरीज के समय पर उपचार मिल सके।
घर का झगड़ा घर में निपटेस्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अहम पदों पर आइएएस अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर उठ रहे सवालों पर सीएम ने कहा कि यह पारिवारिक झगड़ा है, जिसे आपस में बैठकर सुलझा लिया जाएगा। बता दें, चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक का पद आइएएस को दे दिया गया है। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय अधिकार महानिदेशक के बजाय एनएचएम के मिशन निदेशक के पास हैं। यह पद भी आइएएस संभाल रहे हैं।
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