परिवहन सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर जारी किया दून आरटीओ के तबादले का आदेश, हड़कंप
सचिव (परिवहन) शैलेश बगोली के नाम और फर्जी हस्ताक्षर कर दून आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई के तबादले के आदेश जारी कर दिए गए।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 27 Jun 2020 10:58 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। नाटकीय घटनाक्रम के तहत संभागीय परिवहन अधिकारी दून (आरटीओ) दिनेश चंद्र पठोई का शुक्रवार को तबादला आदेश जारी होने से शासन और परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया। सचिव (परिवहन) शैलेश बगोली के नाम और फर्जी हस्ताक्षर से जारी आदेश में पठोई को परिवहन मुख्यालय में सहायक परिवहन आयुक्त पद पर भेजना और वहां तैनात उपायुक्त सुधांशु गर्ग को दून का नया आरटीओ बनाना दर्शाया गया था। यह सूचना परिवहन सचिव को मिली तो उन्होंने इसे आपराधिक घटनाक्रम बता मुकदमे के आदेश दिए और कुछ ही देर में आरटीओ पठोई मुकदमा दर्ज कराने शहर कोतवाली पहुंच गए। पुलिस ने कूट रचना और सूचना तकनीक अधिनियम के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी है।
आरटीओ कार्यालय में शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे यह सूचना मिलने पर हलचल मच गई कि आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई का तबादला हो गया है और सुधांशु गर्ग आरटीओ का चार्ज लेने आ रहे हैं। उस समय पठोई कार्यालय में मौजूद नहीं थे। कुछ देर बाद आरटीओ पठोई कार्यालय पहुंचे तो परमिट इंचार्ज संजीव मिश्र ने उन्हें अपने वाट्सएप पर आया कथित तबादला आदेश दिखाया। आदेश पत्र में तिथि 19 जून अंकित थी। आरटीओ पठोई ने शासन स्तर पर सत्यापन कराया तो पता चला कि ऐसा कोई आदेश बना ही नहीं। फिर वह सचिव परिवहन शैलेश बगोली से मिले। इसके बाद शासन की ओर से मामले में आपराधिक साजिश रचने और शासन की छवि धूमिल करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए गए।
परिवहन सचिव शैलेश बगोली का कहना है कि यह आपराधिक कृत्य है। शासन की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। जिसने भी ऐसा किया है, उस पर कड़ी कार्रवाई के आदेश पुलिस को दिए गए हैं। वहीं, आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने कहा कि इस पत्र को लेकर कार्यालय में तीन-चार दिन से चर्चा थी, मगर मुङो गुरुवार दोपहर पता चला। शासन के आदेश पर मेरी ओर से मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। पुलिस अपनी जांच कर रही है। परिवहन उपायुक्त सुधांशू गर्क का कहना है कि मेरा किसी से कोई द्वेषभाव नहीं है। शुक्रवार सुबह इस कथित पत्र के बारे में सूचना मिली तो मैंने आरटीओ कार्यालय में फोन कर एक कार्मिक से जानकारी लेनी चाही। जिसने भी ऐसी साजिश रची है और फर्जी पत्र बनाया, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
तीन-चार दिन से चर्चा में था पत्रआरटीओ के तबादले का कथित आदेश पत्र तीन-चार दिन से आरटीओ कार्यालय में चर्चा में था। आरटीओ पठोई ने बताया कि उन्हें ऐसी सूचना गुरुवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे मिल गई थी, लेकिन उन्होंने इसे अफवाह माना। शुक्रवार सुबह कार्यालय आने पर उन्होंने पत्र देखा, तब इसकी सत्यता जांची।
कथित पत्र में पकड़ी गई गलती
जिसने भी यह कथित पत्र बनाया, उसने एक गलती कर दी। दरअसल, शासन से जब भी आदेश जारी होते हैं तो अनुभाग के नाम से होते हैं। सचिव परिवहन के यहां से जो आदेश जारी होते हैं, उन पर परिवहन अनुभाग अंकित होता है। लेकिन, कथित पत्र में परिवहन अनुभाग की बजाय कार्यालय सचिव परिवहन विभाग लिखा हुआ है। बताया यह भी जा रहा है कि पत्र में पहले नौ जून तिथि अंकित थी, जिसे बाद में 19 जून कर दिया गया।
यह भी पढ़ें: Uttarakhand Scholarship Scam: आठ संस्थानों के खिलाफ छह थानों में मुकदमे दर्जदोनों अधिकारियों में है तनातनीदून आरटीओ के पद को लेकर गर्ग और पठोई में लंबे समय से ठनी हुई है। दो बार इस पद पर दोनों की अदला-बदली हो चुकी है। दो साल पहले जब पठोई को पौड़ी से दून लाया गया और गर्ग को पौड़ी के आरटीओ पद पर भेजा गया था, उस समय गर्ग यह मामला हाईकोर्ट ले गए थे। गर्ग का दावा था कि उनका तबादला नियम विरुद्ध किया गया है। बाद में हाईकोर्ट ने शासन से मामला सुलझाने को कहा तो गर्ग का पौड़ी भेजने का आदेश निरस्त कर उन्हें उपायुक्त बनाकर मुख्यालय भेज दिया गया। आशंका है कि दोनों अधिकारियों की इस तनातनी में ही किसी ने यह साजिश रची है।
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