देहरादून में छोटी-छोटी बातों पर रिश्तों में दरार आ रही है। सास-बहू के झगड़े मोबाइल की लत पति-पत्नी के बीच समय की कमी और नौकरीपेशा होने के कारण अहम जैसे कारणों से घरेलू विवाद बढ़ रहे हैं। महिला हेल्पलाइन में इस साल सात महीनों में पति-पत्नी के झगड़े के 1186 मामले आए हैं। इनमें से 146 मामले दहेज प्रकरण जबकि 1033 मामले पारिवारिक विवाद के हैं।
सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। छोटी-छोटी बातों पर रिश्तों की डोर इतनी कमजोर होती जा रही है कि परिवार के बिखरने की नौबत आ रही है। पुलिस के महिला हेल्पलाइन में आ रही शिकायतों के बारे में जानेंगे तो आप भी दंग रह जाएंगे।
सास-बहू के साथ ही पत्नी का अधिक समय मोबाइल को देना, पति का पत्नी के साथ अधिक समय नहीं बिताना और दंपती के नौकरीपेशा होने के उपजा अहम जैसे कई कारण हैं जो घरेलू विवाद की शक्ल में पुलिस तक पहुंच रहे हैं। विवाद इतना बढ़ रहा है कि दोनों पक्ष अपने गलती मानने को तैयार नहीं हैं।
इसी साल सात महीनों में महिला हेल्पलाइन के पास पति-पत्नी के झगड़े के 1186 मामले आए हैं। इनमें 146 मामले दहेज प्रकरण जबकि 1033 मामले पारिवारिक विवाद के हैं।
मोबाइल परिवारों में दरार डाल रहा है। अधिकतर ऐसे मामले आए हैं जिनमें शिकायत की गई है कि पत्नी की ओर से मोबाइल में व्यस्तता से घर का माहौल खराब हो रहा है, जबकि कई महिलाएं पति पर परिवार को समय न देने का आरोप लगाकर पुलिस से मदद मांग रही हैं।
ऐसे मामलों से पुलिस भी दंग है। जो विवाद परिवार में बैठकर सुलझा लिए जाने थे, उनके लिए पुलिस की शरण में जाना पड़ रहा है। महिला हेल्पलाइन से मिले आंकड़ों के अनुसार देहरादून के मुकाबले विकासनगर व ऋषिकेश में दहेज प्रकरण की अधिक शिकायतें हैं।
पारिवारिक विवाद में 1033 में से 894 मामले केवल देहरादून से जुड़े हैं। हालांकि पुलिस की महिला हेल्पलाइन ऐसे रिश्तों को जोड़ने की कोशिश भी करती है। जनवरी से 30 जुलाई 2024 के बीच करीब 320 टूटे परिवारों के विवाद को खत्म करने का दावा किया जा रहा है।
इस तरह के मामले भी आ रहे सामने
एक नवविवाहिता ने शादी के दो महीने बाद ही महिला हेल्पलाइन में सास-ससुर के खिलाफ शिकायत दी कि उन्हें लगातार ताने मारे जा रहे हैं। उन्होंने पति से अलग रहने के लिए कहा तो उन्होंने साथ नहीं दिया। तानों से परेशान होकर वह अलग रहना चाहती है।
केस-2
एक महिला ने शिकायत की कि उसकी शादी हुए दो साल हो गए। उसकी एक बेटी भी है। पति विदेश में रहता है, लेकिन वह अब फोन नहीं उठा रहा है। सास-ससुर की ओर से उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है, ऐसे में किसी भी उनके पति को बुलाया जाए।
केस-3
शादी से पहले पति-पत्नी लिव इन में रहते थे अब रजामंदी से दोनों की शादी हो चुकी है। पति अब उसका पूरी तरह से ध्यान नहीं रख पा रहा है। शादी से पहले पति ने जो वादे किए थे उन वादों में खरा नहीं उतर रहा है। ऐसे में उसे अब पति से अलग रहना है।
केस 4
पति-पत्नी दोनों ड्यूटी करते हैं, ऐसे में व्यस्तता के कारण दोनों एक दूसरे को समय नहीं दे रहे हैं। महिला का कहना है कि जब वह घर पर रहता है तो उसे ताने मारे जाते हैं। ऐसे में अब वह अलग रहना चाहती है।
महिला हेल्पलाइन नोडल अधिकारी रीना राठौर ने बताया-
महिला हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों पर सुनवाई के लिए तीन काउंसलिंग की जाती हैं। कोशिश की जाती है कि काउंसलिंग के दौरान उनका घर टूटने से बच जाए। यदि परिवार बचाने का एक प्रतिशत भी अवसर होता है तो उस मामले को एच्छिक ब्यूरो के समक्ष लाया जाता है। ब्यूरो में मनोरोग विशेषज्ञ, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी उनकी काउंसलिंग करते हैं। यहां दोनों पक्षों का समझौता हो जाता है तो इसके बाद तीन महीने तक केस के सिलसिले में उनसे बातचीत की जाती है। जिन मामलों में समझौता नहीं हो पाता, उन्हें पुलिस थाने को भेजा जाता है।
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