शुल्क पर अब अपने ही घर में घिरा आयुर्वेद विश्वविद्यालय
उत्तराखंड आयुर्वेद विवि प्रशासन के लिए अजब स्थिति पैदा हो गई है। बीएएमएस के शुल्क के मामले में वह अब दोतरफा घिर गया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 19 Jul 2019 01:48 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड आयुर्वेद विवि प्रशासन के लिए अजब स्थिति पैदा हो गई है। बीएएमएस के शुल्क के मामले में वह अब दोतरफा घिर गया है। निजी कॉलेजों पर उसका बस नहीं चल रहा और अब सरकारी कॉलेजों के छात्र भी मुखर होने लगे हैं। विवि के तीनों परिसरों में बीएएमएस की फीस बढ़ोत्तरी वापस लेने की मांग को लेकर गुरुवार से हर्रावाला कैंपस के छात्र बेमियादी धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि जब तक फीस कम नहीं की जाती, धरना खत्म नहीं होगा।
छात्रों ने बताया कि बीएएमएस की फीस सत्र 2015 में 27 हजार रुपये सालाना थी। इसके बाद 2016 से फीस 80 हजार रुपये कर दी गई। तभी से छात्र फीस बढ़ोत्तरी को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार एवं विवि कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिससे हर्रावाला, गुरुकुल, ऋषिकुल के छात्र प्रभावित हो रहे हैं। कहा कि जब तक फीस पर कोई निर्णय नहीं हो जाता, उनका धरना जारी रहेगा। छात्र रात तक धरने पर डटे थे। इस दौरान ऐश्वर्य श्रीवास्तव, हेमराज, मयंक तोमर, आशीष, वैष्णव, आलोक, पंकज, अखिलेश, इमरान, आकांक्षा, शिवानी, अर्पणा आदि मौजूद रहे।
छात्र कुछ बोल रहे, विवि कुछ और...
विवि के कुलसचिव रामजीशरण शर्मा का दावा है कि तीनों परिसर में बीएएमएस की फीस का निर्धारण फीस कमेटी ने कर दिया है। फीस कम कर दी गई है। इसकी जानकारी छात्रों को भी दी गई है। जबकि छात्र इससे इन्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि लिखित आदेश होने तक वह धरना खत्म नहीं करेंगे।
उत्तरांचल आयुर्वेद कॉलेज में तालाबंदी, धरने पर छात्र
उत्तराखंड आयुर्वेद विवि से संबद्ध निजी कॉलेजों की फीस से जुड़ा मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गुरुवार को उत्तरांचल आयुर्वेद कॉलेज के छात्र इसे लेकर भड़क गए। 80,500 के स्थान पर 2.15 लाख रुपये शुल्क देने का दबाव बनाने और कक्षा में जाने पर भी हाजिरी नहीं लगाने पर छात्रों ने कॉलेज गेट पर ताला जड़ दिया। जिसे लेकर छात्रों की कॉलेज के निदेशक व शिक्षकों से नोकझोंक भी हुई। करीब पांच घंटे तक छात्र कॉलेज गेट पर धरने पर डटे रहे। उन्होंने चेताया कि यदि कॉलेज की मनमानी नहीं रुकी तो वह विश्वविद्यालय में धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सुबह करीब 10 बजे बीएएमएस के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज का गेट बंद कर दिया। यह आरोप लगाया कि वे रोजाना कक्षा में जा रहे हैं, पर कॉलेज के मुताबिक फीस नहीं देने पर उनकी हाजिरी नहीं लगाई जा रही है। हाईकोर्ट ने 80,500 रुपये सालाना शुल्क लेने का निर्देश दिया है। इसके बाद भी उन पर 2.15 लाख रुपये देने का दबाव बनाया जा रहा है। नए छात्रों को तो तीन लाख रुपये फीस बताई जा रही है। कहा कि राज्य सरकार और आयुर्वेद विवि का निजी कॉलेजों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। जिस वजह से छात्रों का शोषण किया जा रहा है। कॉलेज की मनमानी से 2015 से 2018 तक के करीब 350 छात्र-छात्राएं प्रभावित हैं। इस दौरान आदिल, शुभम, पारुल, हार्दिक, प्रज्ञा, ऋुति, शिवम, प्रियंका पंवार, मनीष आदि मौजूद रहे।डॉ. अश्विनी कांबोज (चेयरमैन आयुष मेडिकल कॉलेज एसोसिएशन) का कहना है कि कॉलेजों के लिए स्टाफ का वेतन व अन्य खर्च तक निकाल पाना मुश्किल हो रहा है। यही स्थिति रही तो कालेज बंद कर हम चाबी सरकार को सौंप देंगे। जहां तक हाईकोर्ट के आदेश की बात है, निजी कॉलेजों ने पुनरीक्षण याचिका दाखिल की हुई है।
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