दो जनवरी से थम जाएंगे 108 सेवा के पहिए, फील्ड कर्मियों ने किया ये बड़ा ऐलान
तीन महीने से वेतन नहीं मिलने से आक्रोशित 108 के फील्ड कर्मचारियों ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने मांगे पूरी नहीं होने तक अवकाश पर जाने का फैसला लिया है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 18 Dec 2018 08:11 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। पिछले तीन माह से वेतन न मिलने समेत विभिन्न मांगों को लेकर 108 एंबुलेंस और खुशियों की सवारी के फील्ड कर्मचारियों ने मुट्ठियां तान ली हैं। उन्होंने मांगों के बाबत एक जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर कार्रवाई न की गई, तो वह दो जनवरी से अनिश्चितकालीन अवकाश पर चले जाएंगे।
प्रदेश में वर्ष 2008 में 108 सेवा शुरू की गई थी। जिसका संचालन जीवीके ईएमआरआइ करती है। कंपनी का करार खत्म हो चुका है और फिलहाल मार्च तक का एक्सटेंशन दिया गया है। पर बार-बार बजट को लेकर हो रही दिक्कत का असर एक बार फिर इस सेवा पर दिखने लगा है। तीन माह से तनख्वाह न मिलने के कारण तमाम कर्मचारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।ऐसे में उन्होंने दो जनवरी से अनिश्चितकालीन अवकाश पर जाने का एलान कर दिया है। प्रदेश सचिव विपिन जमलोकी ने बताया कि बजट को लेकर बार-बार समस्या आ रही है। अनियमित भुगतान के कारण जब-तब कर्मचारियों का वेतन अटक जाता है। जिस कारण उनके लिए घर चलाना तक मुश्किल हो रहा है। ऐसे में अब सिवाय आंदोलन के कोई चारा नहीं बचा है।
बता दें कि वर्तमान में 108 सेवा के पास 139 एंबुलेंस हैं, जबकि 95 खुशियों की सवारी हैं। खुशियों की सवारी अस्पतालों से जच्चा-बच्चा को घर छोडऩे का काम करती है। इनके पहिये थम जाने से प्रदेशभर में मरीजों को दिक्कत झेलनी पड़ सकती है। उधर, 108 के प्रदेश प्रभारी मनीष टिंकू का कहना है कि एक पखवाड़े के भीतर कर्मचारियों को वेतन दे दिया जाएगा। 108 एंबुलेंस आवश्यक सेवा में शामिल है। किसी भी तरह की हड़ताल पर रोक है और ऐसा करने वाले कर्मचारियों पर एस्मा लगाया जाएगा। टीडीएस पर विवाद
108 का संचालन करने वाली कंपनी और स्वास्थ्य विभाग के बीच टीडीएस को लेकर विवाद है। जीवीके ईएमआरआइ एक गैर लाभकारी संस्था है और नियमानुसार इसका टीडीएस नहीं कटता। जबकि गत वर्षों में इस संस्था का टीडीएस कटता रहा है। ऐसे में विभाग का मानना है कि कंपनी को अतिरिक्त भुगतान हुआ है। संस्था को आयकर विभाग से टीडीएस प्राप्त करने के लिए कहा गया है। यह रकम तीन करोड़ के करीब है। यह भी हैं कर्मचारियों की मांगें
- कर्मचारी अवकाश के दिन ड्यूटी करता है तो श्रम कानून के तहत ओवरटाइम का दोगुना भुगतान हो। - हर माह पांच तारीख तक वेतन व बिलों का भुगतान किया जाए।
- मूल वेतन का निर्धारण श्रम कानून के तहत किया जाए। - किसी भी कर्मचारी का अनावश्यक स्थानांतरण न किया जाए।
- अगस्त माह में काटे गए दो दिन के वेतन का अविलम्ब भुगतान हो। - कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए कमेटी का गठन किया जाए।
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