पीड़ित को क्लेम न देने पर इंश्योरेंस कंपनी पर जुर्माना, पढ़िए पूरी खबर
स्थायी लोक अदालत ने पीड़ित को क्लेम देने से मना करने पर एसबीआई जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड को बीमा राशि 21 लाख 87 हजार रुपये देने का फैसला सुनाया है। 20 मार्च 2019 को फर्म में आग लग गई जिससे उनका सामान नष्ट हो गया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: स्थायी लोक अदालत ने पीड़ित को क्लेम देने से मना करने पर एसबीआई जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड को बीमा राशि 21 लाख, 87 हजार रुपये देने का फैसला सुनाया है। शाकुंबरी इंटरप्राइजेज की ओर से अदालत में वाद दायर किया गया था कि वह एक पैकेजिंग फर्म चलाते हैं। फर्म में उन्होंने कुछ सामान रखा हुआ था, जिसका बीमा करवाया था। बीमा पालिसी 12 दिसंबर 2018 से 11 दिसंबर 2019 तक वैध थी।
20 मार्च 2019 को फर्म में आग लग गई, जिससे उनका सामान नष्ट हो गया। पीड़ित ने आग लगने की सूचना सहित अपने स्टाक, बैलेंस शीट व अन्य दस्तावेज बीमा क्लेम के लिए जमा करवाए। कंपनी ने यह कहकर बीमा राशि का भुगतान नहीं किया कि शिकायतकर्ता के फर्म के प्रथम तल पर केवल 600 वर्ग फीट जगह उपलब्ध थी, जोकि स्टाक रखने के लिए पर्याप्त नहीं थी। पालिसी में साबुन उत्पादन का बीमा कवर था, ना कि पैकेजिंग का।
इंश्योरेंस कंपनी की ओर से क्लेम न देने पर पीड़ित ने स्थायी लोक अदालत में याचिका दायर की। स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष राजीव कुमार, सदस्य मंजू सकलानी व उपेंद्र सिंंह ने दोनों पक्षों की शिकायत सुनी। इसके बाद निष्कर्ष निकाला कि शिकायतकर्ता की ओर से बीमित स्थल का प्रमाणित नक्शा दाखिल किया गया, जोकि क्षेत्रफल 1064 वर्ग फीट है व फर्म में रखा सामान गत्ते का होने के कारण भार में अधिक नहीं होता। ऐसे में याचिकाकर्ता का क्लेम खारिज नहीं किया जा सकता। उन्होंने बीमा कंपनी को बीमा राशि 21 लाख 87 हजार रुपये के साथ ही पांच हजार रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में चुकाने के आदेश जारी किए हैं।
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दहेज की मांग पूरी न होने पर दिया तीन तलाक
दहेज की मांग पूरी न होने पर महिला को तीन तलाक दे दिया गया। पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने पति सहित नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि उसका निकाह रुड़की निवासी आमिर सुहैल के साथ मार्च 2019 को हुआ था। शादी के कुछ समय बाद ससुरालियों का व्यवहार बदलने लगा। 20 फरवरी की रात को आमिर ने दुव्र्यहार करना शुरू कर दिया। चिल्लाने पर ससुर अब्दुल सत्तार, सास तजमीना, ननद गुडिय़ा, शमा परवीन, देवर मोहम्मद सैफ, चाचा अब्दुल गफ्फार, बहनोई खुर्शीद, अनस कमरे में आए और जान से मारने की धमकी देते हुए गला दबाने लगे।
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21 फरवरी को पति देहरादून स्थित मायके लेकर आया और भाई रईस से कहा कि जब रुड़की में 200 गज का प्लाट देंगे, तभी तक बहन को लेकर जाएंगे। 24 फरवरी को पति देहरादून पहुंचा और उसे रुड़की ले गया। ससुर अब्दुल सत्तार व सास तजमीना ने बताया कि आमिर ने दूसरा निकाह कर लिया है। इसका विरोध करने पर आमिर ने तीन तलाक दे दिया।
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