कांग्रेस से भाजपा में आए 'मित्रों' से किया वादा निभाया, टीम तीरथ में भी मिली जगह
वर्ष 2016 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कांग्रेस विधायकों से किया वादा पार्टी ने तीरथ की टीम में भी उन्हें बरकरार रख पूरी तरह निभाया। पिछली त्रिवेंद्र सरकार में शामिल पांचों कांग्रेस पृष्ठभूमि के मंत्रियों को टीम तीरथ में भी जगह मिली है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 13 Mar 2021 06:25 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। वर्ष 2016 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कांग्रेस विधायकों से किया वादा पार्टी ने तीरथ की टीम में भी उन्हें बरकरार रख पूरी तरह निभाया। पिछली त्रिवेंद्र सरकार में शामिल पांचों कांग्रेस पृष्ठभूमि के मंत्रियों को टीम तीरथ में भी जगह मिली है। अलबत्ता जो नए चार मंत्री बनाए गए हैं, उनमें सभी भाजपा पृष्ठभूमि के ही हैं।
वर्ष 2014 की शुरुआत में कांग्रेस आलाकमान ने तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को हटाकर हरीश रावत को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी थी। इससे खफा होकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल महाराज कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। फिर कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के दौरान 18 मार्च 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नेतृत्व में नौ कांग्रेस विधायकों ने कांग्रेस में टूट कराकर भाजपा का दामन थाम लिया था।इससे उस वक्त हरीश रावत सरकार संकट में घिर गई थी। हालांकि न्यायालय के हस्तक्षेप से हरीश रावत तब सरकार बचाने में कामयाब रहे। इसके बाद 10 मई 2016 को हुए फ्लोर टेस्ट के दौरान एक अन्य कांग्रेस विधायक रेखा आर्य ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया। इसके बाद वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन कैबिनेट मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष रहे यशपाल आर्य ने भी कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और भाजपा में चले गए।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इन सभी पूर्व कांग्रेसियों को प्रत्याशी बनाया। विजय बहुगुणा स्वयं चुनाव नहीं लड़े, मगर उनके स्थान पर भाजपा ने उनके पुत्र सौरभ बहुगुणा को विधानसभा पहुंचाया। इनमें से अधिकांश चुनाव जीतने में कामयाब रहे। मार्च 2017 में जब त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी तो 10 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में कांग्रेस पृष्ठभूमि के पांच विधायकों को जगह दी गई। इनमें सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल को कैबिनेट तथा रेखा आर्य को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया। महत्वपूर्ण बात यह कि तब मंत्रिपरिषद में भाजपा के भी पांच ही सदस्य शामिल थे।
त्रिवेंद्र की मुख्यमंत्री पद से विदाई के बाद सियासी गलियारों में इन पांचों मंत्रियों के भविष्य को लेकर दिलचस्प चर्चाएं चल रही थीं, लेकिन शुक्रवार को शपथ ग्रहण के बाद इन पर पूरी तरह विराम लग गया। त्रिवेंद्र सरकार में शामिल रहे कांग्रेस पृष्ठभूमि के सभी पांचों मंत्रियों को तीरथ की टीम में भी शामिल किया गया है। इनमें चार कैबिनेट व एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शामिल हैं। यानी, त्रिवेंद्र के बाद तीरथ की टीम में भी जगह देकर भाजपा ने पांच साल पहले के कमिटमेंट को अब भी पूरा किया।
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