उत्तराखंड में प्रधानाचार्यों का पांच दिनी ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू, इन बिंदुओं पर होगा फोकस
ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए प्रधानाचार्यों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 27 May 2020 01:51 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। माध्यमिक स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए प्रधानाचार्यों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके लिए सीमैट की ओर से चलाए जा रहे ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का मंगलवार से शुरू हुआ। पांच दिन तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में प्रधानाचार्यों को तनाव प्रबंधन, समय प्रबंधन, वित्तीय प्रबंधन समेत अन्य तकनीकी पहलुओं में दक्ष बनाने का प्रयास किया जाएगा।
मंगलवार को राज्य शैक्षिक प्रबंधन और प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के केंद्रीय स्टूडियो में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस दौरान शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने भी प्रधानाचार्यों के साथ संवाद स्थापित किया। प्रशिक्षण का उद्देश्य माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाचार्यों को ऑनलाइन शिक्षण तकनीक में दक्ष करना है। 500 वर्चुअल आइसीटी लैब के प्रधानाचार्यों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया गया है। इस दौरान सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारी, विद्यालय प्रबंध समितियों के सदस्यों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ शिक्षा मंत्री ने वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षा क्षेत्र की समस्याओं और समाधान पर चर्चा की।
26 मई से 30 मई तक चलने वाले प्रशिक्षण सुबह 10.30 से 12.00 बजे तक प्रथम सत्र और 12.30 बजे से 02.00 तक द्वितीय सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। पहले दिन प्रशिक्षण में प्रथम सत्र में अकादमिक, शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी ने सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के उद्देश्यों और नवाचारी और गुणवत्तापरक कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। विद्यालयी शिक्षा महादनिदेशक आलोक पांडे ने सभी प्रतिभागियों का आह्वान किया कि वे भविष्य में गुणवत्तापरक शिक्षा को लेकर कार्य करें। अपर निदेशक सीमैट शशि चौधरी ने बताया कि कार्यक्रम में तनाव प्रबंधन, समय प्रबंधन, वित्तीय प्रबंधन, ऑनलाइन शिक्षण, शैक्षिक नेतृत्व प्रबंधन, सामुदायिक सहभागिता, आनंदम आदि विषयों पर परिचर्चा की जा रही है।
परीक्षाओं को क्वारंटाइन सेंटर मुक्त होंगे स्कूलउत्तराखंड बोर्ड की शेष परीक्षाओं के लिए सरकारी और सहायताप्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में बने क्वारंटाइन सेंटर हटाने और वैकल्पिक बंदोबस्त करने के निर्देश जिलों को दिए गए हैं। जिलाधिकारियों को 15 जून तक उक्त विद्यालयों को शिक्षा महकमे को सुपुर्द करने को कहा गया है।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने मंगलवार को उत्तराखंड बोर्ड की शेष परीक्षाओं और मूल्यांकन को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर परीक्षा केंद्रों में महकमे की ओर से भी सेनिटाइज, शारीरिक दूरी के मानक के मुताबिक परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था करने समेत जरूरी उपाय किए जाने हैं। शिक्षा सचिव ने जिलाधिकारियों से फीडबैक लिया। यह फीडबैक भी मिला कि प्रदेश में करीब 350 परीक्षा केंद्रों में क्वारंटाइन सेंटर बने हैं।
जिलाधिकारियों ने भी कहा कि क्वारंटाइन सेंटर हटाने के लिए उन्हें भी 15 दिन पहले बताना होगा। माध्यमिक विद्यालयों के स्थान पर प्राइमरी स्कूल, जूनियर हाईस्कूल और डिग्री कॉलेज भवनों का उपयोग के विकल्प पर मंथन किया गया। परीक्षाएं 15 जून के बाद ही होनी हैं। उत्तराखंड बोर्ड की ओर से 20 से 23 जून तक परीक्षा कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया है।परीक्षार्थियों के लिए शारीरिक दूरी के मानक देखते हुए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने अथवा परीक्षा अवधि बढ़ाने के बारे में भी जिलाधिकारियों से मशविरा किया गया है। दसवीं व 12वीं की परीक्षाएं एक साथ के बजाए अलग-अलग तिथियों पर कराई जा सकती हैं। संपर्क करने पर शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि जिलाधिकारियों से विभिन्न पहलुओं को ध्यान पर रखकर चर्चा की गई है। परीक्षा की तिथियों समेत विभिन्न ¨बदुओं पर उच्चस्तर पर निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद ही तिथियों की घोषणा होगी।
15 लाख कापियों का मूल्यांकन जल्दउत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की 15 लाख से ज्यादा उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का जिम्मा करीब सात हजार परीक्षक संभालेंगे। अगले माह जून के पहले हफ्ते में यह कार्य प्रारंभ होगा। मूल्यांकन के संबंध में शासन ने प्रस्ताव उच्चानुमोदन के लिए बढ़ा दिया है।यह भी पढ़ें; ऑनलाइन परीक्षा के लिए तलाशने होंगे प्रौद्योगिकी के नए विकल्प, पढ़िए
कोविड-19 संक्रमण से बचाव के मद्देनजर उत्तराखंड बोर्ड की शेष परीक्षाओं और उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य का खाका तैयार करने में शासन और शिक्षा महकमा खासी सावधानी बरत रहा है। लॉकडाउन के चलते बोर्ड का पूरा कार्यक्रम गड़बड़ा चुका है। हाईस्कूल व इंटर के 13 विषयों की शेष परीक्षाएं अभी होनी है। वहीं मूल्यांकन कार्य को पूरा करने का दबाव भी है। ये दोनों कार्य निपटने के बाद ही बोर्ड परीक्षाफल की तैयारी प्रारंभ होगी। बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा में करीब ढाई लाख परीक्षार्थी शामिल हुए हैं। इनकी 15 लाख से ज्यादा उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य जल्द शुरू करने की तैयारी है।
यह भी पढ़ें: कॉलेज बोले, आंतरिक परीक्षा का परिणाम औसत अंकों से तय होप्रदेश के सभी 13 जिलों में उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 30 केंद्र बनाए जाएंगे। सरकारी हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में क्वारंटाइन सेंटर की स्थिति में नजदीकी निजी स्कूलों में भी इस बार मूल्यांकन केंद्र बनाए जा सकेंगे। शासन के निर्देश पर शिक्षा महकमे ने करीब सात हजार परीक्षकों को मूल्यांकन ड्यूटी में लगाने की कसरत तेज कर दी है। मूल्यांकन केंद्रों में भी शारीरिक दूरी के मानकों का पालन किया जाएगा। शिक्षा मंत्री के मुताबिक परीक्षा व मूल्यांकन कार्य को लेकर जल्द निर्णय कर तिथि घोषित करने के निर्देश शिक्षा सचिव को दिए गए हैं। बोर्ड की शेष परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा जल्द की जाएगी, ताकि परीक्षार्थियों को तैयारी का मौका मिल सके। परीक्षा केंद्रों पर भी कोरोना संक्रमण से बचाव को शारीरिक दूरी, सैनिटाइजेशन समेत निर्धारित मानकों का पालन कराया जाएगा।
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