चायपत्ती घोटाला: भेल के पूर्व डीजीएम समेत तीन लोगों को सजा
हरिद्वार स्थित बीएचईएल कैंटीन में हुए चायपत्ती घोटाले में सीबीआइ कोर्ट ने तत्कालीन डीजीएम सहित तीन को दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल की सजा सुनाई है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 14 Sep 2018 10:13 AM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: हरिद्वार स्थित बीएचईएल (भेल) कैंटीन में हुए चायपत्ती घोटाले में सीबीआइ कोर्ट ने तत्कालीन डीजीएम सहित तीन को दोषी करार दिया है। उन्हें पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है। डीजीएम व स्टोर कीपर पर 52-52 हजार और सप्लायर पर 42 हजार का जुर्माना ठोंका है।
सीबीआइ के शासकीय अधिवक्ता सतीश शर्मा के अनुसार वर्ष 2008 में भेल में चायपत्ती घोटाला सामने आया था। सीबीआई ने इस मामले में 17 जुलाई 2009 को मुकदमा दर्ज किया था। आरोप था कि भेल कैंटीन के तत्कालीन डीजीएम जीबी गोयल निवासी राजौरी गार्डन, दिल्ली, स्टोर इंचार्ज बीएस राणा निवासी चौथाण, पौड़ी गढ़वाल और चायपत्ती सप्लायर अनुराग गुप्ता निवासी ज्वालापुर, हरिद्वार ने मिलीभगत कर बिलों में गड़बड़ी की। उन्होंने ढाई सौ ग्राम चायपत्ती के पैकेट को एक-एक किलो का दर्शाते हुए बिल पास कराने के लिए वित्त विभाग को भेज दिए। फरवरी 2008 से जून 2008 के बीच कुल 576 पैकेज सप्लाई किए गए थे। वित्त विभाग ने इस बिल पर सवाल उठाने के बाद ये फर्जीवाड़ा सामने आया।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 19 गवाह पेश किए, जबकि बचाव पक्ष ने पांच गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और गवाहों के बयानों के बाद गुरुवार को सीबीआइ की स्पेशल न्यायाधीश सुजाता सिंह की अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया। अदालत ने डीजीएम, स्टोर कीपर और सप्लायर को घपले का दोषी पाया।
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