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Uttarakhand Flood ALERT: बाढ़ की आशंका को देखते हुए बदरीनाथ हाईवे ऋषिकेश में किया बंद, गंगा तट कराए खाली

Uttarakhand Flood ALERT प्रशासन ने अग्रिम आदेश तक ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को ऋषिकेश के समीप मुनिकीरेती में सभी वाहनों के लिए बंद करा दिया है। इसके साथ ही त्रिवेणी घाट सहित तमाम तटीय इलाकों को पुलिस और प्रशासन ने खाली करा दिया है

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 07 Feb 2021 04:47 PM (IST)
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बाढ़ की आशंका को देखते हुए बदरीनाथ हाईवे ऋषिकेश में किया बंद। जागरण
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Uttarakhand Flood ALERT चमोली के तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने के बाद बाढ़ की आशंका को देखते हुए ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट सहित तमाम तटीय इलाकों को पुलिस और प्रशासन ने खाली करा दिया है। इसके साथ ही प्रशासन ने अग्रिम आदेश तक ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को ऋषिकेश के समीप मुनिकीरेती में सभी वाहनों के लिए बंद करा दिया है। वहीं, डीएम डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने त्रिवेणी घाट और आसपास क्षेत्र का निरीक्षण किया। मौके पर मौजूद उप जिलाधिकारी वरुण चौधरी और तहसीलदार रेखा आर्य को उन्होंने पूरी तरह से सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि तहसील प्रशासन संबंधित विभागों से निरंतर संपर्क बनाए रखने के साथ समन्वय बनाए रखे। जिलाधिकारी चीला जल विद्युत परियोजना से संबंधित बैराज जलाशय स्थल का भी निरीक्षण करेंगे।

मुनिकीरेती के थाना प्रभारी निरीक्षक आरके सकलानी ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे को बंद कर दिया गया है। यहां गंगोत्री हाईवे पर भद्रकाली चेक पोस्ट से तपोवन की ओर वाहन जाते हैं, इसलिए भद्रकाली में बदरीनाथ रूट पर जाने वाले वाहनों को रोका जा रहा है। उधर, तपोवन और कैलाश गेट पुलिस चौकी के समीप बदरीनाथ  मार्ग पर जाने वाले सभी छोटे और बड़े वाहनों को रोका जा रहा है। थाना प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक जब तक पानी निकल नहीं जाता है और हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं तब तक बदरीनाथ हाईवे पर वाहनों की रवानगी पर रोक रहेगी।

इससे पहले मुनिकीरेती, लक्ष्मण झूला और स्वर्गाश्रम क्षेत्र में अभी तटीय इलाका खाली करा दिया गया है। वर्तमान में त्रिवेणी घाट में बाढ़ सुरक्षा कार्य चल रहा है। यहां करीब एक सौ मजदूर काम कर रहे हैं। यहां लाखों रुपए कीमती मशीनें काम पर लगाई गई है, जिन्हें सिंचाई विभाग की टीम ने मजदूरों और मशीनों को यहां से हटवा दिया है। बाढ़ सुरक्षा के लिए बनाए गए रेत के कट्टों को पक्के घाट की सुरक्षा के लिए शिफ्ट कर दिया गया है। उधर, चीला जल विद्युत परियोजना के सभी गेट खोल दिए गए हैं। 

तहसीलदार रेखा आर्य, पुलिस उपाधीक्षक डीएस ढौंडियाल समेत तमाम आला अधिकारी गंगा के तटीय इलाकों में मोर्चा संभाल चुके हैं। नगर निगम की महापौर अनीता ममगाईं ने नगर निगम की टीमों को गंगा के तटीय इलाकों में भेजा है। वह स्वयं इन सभी लोगों का निरीक्षण कर रही है। त्रिवेणी घाट और आसपास क्षेत्र में रहने वाले करीब 300 भिक्षुओं को समीप खुर्जा वाली धर्मशाला और अन्य स्थलों पर शिफ्ट कर दिया गया है। मुनिकीरेती का शत्रुघन घाट, लक्ष्मण झूला का साधु सेवा घाट और परमार्थ निकेतन घाट पूरी तरह खाली करा दिया गया है। 

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सिंचाई विभाग के उपखंड अधिकारी अभिनव नौटियाल ने बताया कि विभाग की ओर से टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों से पानी ना छोड़ने के लिए कहा गया है। विभाग ने अपनी तरफ से बाढ़ सुरक्षा कार्य पर लगे सभी 100 मजदूरों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के बाद आपातकाल में जरूरत पड़ने पर मुस्तैद रहने के लिए कहा है।

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