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स्वरोजगार के लिए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर फोकस, पढ़िए पूरी खबर

स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर फोकस है। मुख्यमंत्री रावत ने निर्देश दिए कि उत्पादों की ब्रांडिंग और पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दिया।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Thu, 20 Jun 2019 09:23 AM (IST)
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स्वरोजगार के लिए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर फोकस, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर फोकस है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्पादों की ब्रांडिंग और पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उनके कौशल विकास पर ध्यान देने के भी निर्देश दिए। 

सचिवालय में एलईडी ग्राम लाइट प्रशिक्षण और उत्पादन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान सीएम रावत ने कहा, पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए स्थानीय लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए एलईडी ग्राम लाइट प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हर जिले और ब्लॉक लेवल पर किया जाए। 

पहले चरण में 50 ब्लॉकों से एलईडी ग्राम लाइट प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके लिए समूहों को एलईडी के उपकरणों को बनाने के लिए उच्च क्वालिटी का रॉ मैटीरियल उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। स्वयं सहायता समूहों द्वारा जो एलईडी उपकरण बनाये जा रहे हैं, इसकी अच्छी मार्केंटिंग कैसे हो इसके लिए योजना बनाई जाए। 

सीएम ने ये भी कहा कि सरकारी कार्यालयों में एलईडी के बल्बों का उपयोग किया जाए। इसके अलावा राष्ट्रीय पर्वों और राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यालयों में भी इन्हीं बल्बों का उपयोग हो। स्वयं सहायता समूहों को एलईडी उपकरणों को बनाने के लिए प्रशिक्षण और इसका प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में समिति बनाई जाए। समिति में परियोजना अधिकारी उरेडा, जिला सेवायोजन अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी सदस्य होंगे। 

आपको बता दें कि एलईडी ग्राम लाइट के तहत महिला स्वयं सहायता समूह एलईडी झूमर, झालर, एलईडी बल्ब, एलईडी ट्यूबलाईट, सोलर इमरजेन्सी लाइट आदि उपकरण बना रहे हैं। इसके लिए पहले चरण में पायलेट बेस पर देहरादून के थानो और नैनीताल के कोटाबाग में प्रशिक्षण दिया गया।

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