चारधाम यात्रा रूट पर मिलेंगे देशभर के व्यंजन, रेस्ट एरियाज होंगे विकसित
अब चारधाम यात्रा के मार्गों पर देशभर के स्थानीय सहित विभिन्न प्रदेशों के व्यंजन उपलब्ध होंगे। साथ
देहरादून, [संतोष भट्ट]: ऑल वेदर रोड के साथ पर्यटन विभाग चारधाम रूट पर विदेशों की तर्ज पर रेस्ट एरियाज (होटल, ढाबे और रेस्टोरेंट) विकसित करेगा। इसके लिए करीब 700 करोड़ की योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत चारधाम यात्रा रूट पर स्थानीय सहित विभिन्न प्रदेशों के व्यंजन उपलब्ध होंगे। 23 अप्रैल को इस योजना का खाका एडीबी के कंट्री हेड के समक्ष रखा जाएगा, ताकि बजट मिलने पर इसी साल से योजना पर काम शुरू हो सके।
राज्य के विकास में पर्यटन को रीढ़ मानते हुए पर्यटन विभाग अब बड़ी योजना बना रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो भविष्य में चारधाम यात्रा रूट में यात्रियों को और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए पर्यटन विभाग ने चारधाम रूट पर 25 से 30 किमी की दूरी पर रेस्ट एरियाज विकसित करने की योजना बनाई है। इसके तहत पर्यटन विभाग पार्किंग, शौचालय, पेयजल आदि सुविधाएं विकसित करेगा।
रेस्टोरेंट या ढाबों को निश्चित संख्या में पीपीपी मोड पर संचालित करेगा। इसमें शर्त यह रहेगी कि हर होटल और ढाबे में स्थानीय सहित विभिन्न प्रदेशों के व्यंजन उपलब्ध होंगे। इसका उद्देश्य यह है कि अन्य प्रदेशों से आने वाले यात्रियों को उनकी पसंद का खाना उपलब्ध हो सके। इन होटल-ढाबों की साफ-सफाई से लेकर अन्य व्यवस्थाओं का प्रबंधन पर्यटन विभाग स्वयं करेगा।
बेहतर सुविधा से बढ़ेगा राजस्व
राज्य में चारधाम यात्रा समेत शीत और ग्रीष्मकाल के दौरान आने वाले पर्यटकों को उनकी पंसद का खाने का नहीं मिल पाता। जिससे उन्हें परेशानी होती है। अब इस योजना में पर्यटकों को खाने व ठहरने सहित अन्य बेहतर सुविधा मिलेगी। जिससे राजस्व भी बढ़ेगा।
पुराने पड़ावों को भी करेंगे शामिल
इस योजना के तहत चारधाम रूट पर पुराने पड़ावों को भी शामिल करने की योजना है। बशर्ते संचालकों को पर्यटन विभाग की गाइड लाइन के मुताबिक विभिन्न प्रदेशों के व्यंजन परोसने होंगे। ताकि पर्यटकों के बीच अच्छा संदेश जाए।
बुरांश का जूस वेलकम ड्रिंक
पर्यटन सचिव ने कहा कि प्रदेश में बुरांश की ब्रांडिंग की जा रही है। सभी होटल, रेस्टोरेंट में बुरांश के जूस को वेलकम ड्रिंक के रूप में अनिवार्य करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए होटल संचालकों से वार्ता चल रही है।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि रेस्ट एरियाज के नाम से यह योजना तैयार की जा रही है। 23 अप्रैल को एडीबी के कंट्री हेड आ रहे हैं। उनके साथ इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। सहमति मिली तो इस पर इसी साल से काम शुरू होगा।
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