उत्तराखंड में दावानल को लेकर वन विभाग अलर्ट, फिलहाल राहत
प्रदेशभर में बड़ी संख्या में दावानल की घटनाएं सामने आती हैं। इनकी रोकथाम के लिए वन विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 21 Apr 2019 03:57 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। गर्मियों में देहरादून भी जंगल की आग की घटनाओं से अछूता नहीं रहता। प्रदेशभर के साथ ही यहां भी बड़ी संख्या में दावानल की घटनाएं सामने आती हैं। इनकी रोकथाम के लिए वन विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है, हालांकि इस बार अभी तक आग की घटनाओं से राहत है। बारिश होने के कारण फिलहाल जंगलों की आग की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। जबकि पिछले वर्ष 20 अप्रैल तक करीब 15 से 20 घटनाएं इस समय तक सामने आ चुकी थीं।
71 फीसद वन क्षेत्र वाले उत्तराखंड में जंगलों को आग से बचाना चुनौतीपूर्ण रहता है। फायर सीजन में विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी जंगलों को धधकने से नहीं रोका जा सकता। प्रदेश के अन्य स्थानों की बात छोड़ दें तो दून में जहां विभाग का पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद हैं, वहां भी विभाग जंगलों को धधकने से नहीं बचा पाता। पिछले वर्ष की बात करें तो फायर सीजन 15 फरवरी से मानसून सीजन तक जिले के दून, मसूरी, चकराता, कालसी प्रभाग में जंगलों में आग के 138 मामले दर्ज किए गए। जिससे 230.15 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा। लेकिन, इस बार अभी तक विभाग राहत की सांस ले रहा है। कुछ छोटी-मोटी घटनाओं को छोड़ दें तो अभी तक आग की कोई ऐसी घटना सामने नहीं आई हैं, जिससे बड़ा नुकसान हुआ हो। हालांकि, वन विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है।
हर रेंज में कंट्रोल रूम के साथ ही डीएफओ कार्यालय में मुख्य कंट्रोल रूम बनाया है। आग को नियंत्रित करने के लिए कंट्रोल वर्निंग के साथ ही प्रत्येक बीट में फायर वाचर की तैनाती की गई है और रेंज स्तर पर क्रू स्टेशन स्थापित कर आग की घटनाओं पर पूरी तरह से कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले साल दून में वनाग्नि की घटनाएं
- प्रभाग----------घटनाएं----------प्रभावित क्षेत्रफल हेक्टेयर
- देहरादून--------46----------39.85
- मसूरी----------32----------65.20
- चकराता-------28----------72.10
- कालसी--------38----------46.00
- राष्ट्रीय टाइगर रिजर्व----------04----------7.00
बोले अधिकारीराजीव धीमान (प्रभागीय वनाधिकारी दून प्रभाग) का कहना है कि जंगल में आग की घटनाओं को रोकने के लिए विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। फिलहाल कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है।
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