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आपदा में आहत बुग्यालों का सामने आएगा दर्द, वन महकमा करा रहा सर्वे

अदालत के सख्त रुख के बाद अब वन महकमे ने पहली बार उत्‍तराखंड के सभी बुग्यालों में इस मानसून सीजन में अतिवृष्टि से हुई क्षति का सर्वे कराने की ठानी है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 21 Sep 2018 08:19 AM (IST)
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आपदा में आहत बुग्यालों का सामने आएगा दर्द, वन महकमा करा रहा सर्वे
देहरादून, [केदार दत्त]: उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में आपदा में आहत हुए बुग्यालों (हरी मखमली घास के मैदान) की सही तस्वीर अब सामने आएगी। बुग्यालों के सरंक्षण के मद्देनजर अदालत के सख्त रुख के बाद अब वन महकमे की ओर से पहली बार राज्य के सभी बुग्यालों में इस मानसून सीजन में अतिवृष्टि से हुई क्षति का सर्वे कराने की ठानी है। इसके साथ ही सभी वन क्षेत्रों में आपदा से हुए संपूर्ण नुकसान का ब्यौरा भी मांगा गया है। इस कड़ी में सभी राष्ट्रीय पार्कों, अभयारण्यों के अलावा वन एवं भूमि संरक्षण वन प्रभागों को निर्देश जारी किए गए हैं।

बुग्यालों में बढ़ते मानवीय दखल और वहां निर्माण कार्य कराए जाने से वहां की पारिस्थितिकी पर पड़ रहे असर के मद्देनजर हाल में ही उच्च न्यायालय ने बुग्यालों से तीन माह के भीतर स्थायी निर्माण हटाने के आदेश दिए थे। यही नहीं बुग्यालों में रात्रि विश्राम प्रतिबंधित करने के साथ-साथ बुग्यालों में कोई निर्माण न होने देने समेत अन्य निर्देश भी जारी किए। इसके बाद वन महकमे ने अदालत के आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश उन सभी वन प्रभागों, राष्ट्रीय पार्कों व अभयारण्यों को जारी किए, जहां बुग्याल स्थित हैं।

अब महकमे ने इस मानसून सीजन में अतिवृष्टि से भूस्खलन समेत अन्य कारणों के चलते बुग्यालों को पहुंचे नुकसान का सर्वे कराने का निश्चय किया है। इससे पता चल सकेगा कि भूस्खलन, भू-धंसाव से बुग्यालों को कितनी क्षति पहुंची है। प्रमुख वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक मोनीष मलिक के अनुसार बुग्यालों समेत सभी वन क्षेत्रों में आपदा से हुई क्षति का सर्वे कराने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रमुख वन संरक्षक मलिक के अनुसार सर्वे में वन क्षेत्रों में भूमि, बटिया, चौकियां, पैदल मार्ग आदि को पहुंचे नुकसान का सर्वे होना है। इसमें बुग्यालों पर खास फोकस रहेगा। सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद क्षति की भरपाई को उठाए जाएंगे कदम। वहीं, मुख्य वन संरक्षक (विजिलेंस व आपदा) बीपी गुप्ता ने बताया कि सभी राष्ट्रीय पार्क, अभयारण्य, वन एवं भूमि संरक्षण वन प्रभागों को सर्वे रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजने को कहा गया है।

इन क्षेत्रों में हैं बुग्याल

नंदा देवी नेशनल पार्क, गंगोत्री नेशनल पार्क, केदारनाथ वन्यजीव विहार, गोविंद वन्यजीव विहार और पिथौरागढ़, बागेश्वर, बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, टिहरी, अपर यमुना, टौंस व चकराता वन प्रभाग

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