Move to Jagran APP

जंगल की आग : उत्‍तराखंड में मृत वन्यजीवों का ब्योरा भी रखेगा वन महकमा

उत्तराखंड में जंगल की आग में कितने वन्यजीव मारे गए और कितने घायल हुए अब इसका लेखा-जोखा भी वन महकमे के पास रहेगा। इस बारे में सभी वन प्रभागों के साथ ही संरक्षित क्षेत्रों के प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 01 Apr 2021 06:45 AM (IST)
Hero Image
उत्‍तराखंड में मृत वन्यजीवों का ब्योरा भी रखेगा वन महकमा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में जंगल की आग में कितने वन्यजीव मारे गए और कितने घायल हुए, अब इसका लेखा-जोखा भी वन महकमे के पास रहेगा। इस बारे में सभी वन प्रभागों के साथ ही संरक्षित क्षेत्रों के प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। यही नहीं, आग में झुलसकर घायल हुए बेजबानों के उपचार की भी पुख्ता व्यवस्था की जाएगी।

जंगल की आग से पेड़ों, रोपित पौधों के अलावा मानव, पशु व फसल क्षति का मुख्य रूप से ब्योरा वन विभाग जुटाता आया है, लेकिन इस बार से मृत एवं घायल वन्यजीवों का आंकड़ा भी जुटाया जाएगा। इससे यह जानकारी सामने आ सकेगी कि जंगलों की आग ने कितने वन्यजीवों को लील लिया। राज्य के नोडल अधिकारी (वनाग्नि) मान सिंह के अनुसार इस बारे में सभी प्रभागीय वनाधिकारियों के अलावा राष्ट्रीय उद्यानों, सेंचुरियों के निदेशकों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं।

नोडल अधिकारी के मुताबिक अभी तक आग से किसी बड़े वन्यजीव की मौत अथवा घायल होने की बात सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि बड़े जानवर तो जंगल में आग लगने पर इधर-उधर भागकर सुरक्षित स्थानों में चले जाते हैं, मगर छोटे जानवर व पक्षियों के अलावा जैवविविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले छोटे जीवों को भारी क्षति पहुंचती है। इनका आंकड़ा जुटाना मुश्किल भरा है। बावजूद इसके वन प्रभागों को इस प्रकार की क्षति का आकलन करने को भी कहा गया है।

उन्होंने बताया कि यदि आग से प्रभावित किसी जंगल में कोई वन्यजीव झुलसी अथवा घायल अवस्था में मिलता है तो उसे मौके पर उपचार मुहैया कराने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर ऐसे वन्यजीवों को रेस्क्यू सेंटरों में लाकर भी उपचार दिया जा सकता है। उसके स्वस्थ होने पर उसे जंगल में छोड़ने अथवा चिड़ियाघरों में रखने पर विचार किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें-उत्तराखंड में धधक रहे हैं जंगल, बेबस है वन महकमा

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।