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Uttarakhand Forest Fire: पारा चढ़ने के साथ तेजी से बढ़ने लगी है जंगल की आग, अलर्ट पर वन विभाग

Uttarakhand Forest Fire पहाड़ से लेकर मैदान तक तपने लगे हैं। जिसके साथ ही वन विभाग की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है। तेजी से बढ़ रहे तापमान और चटख धूप से जंगल की आग का खतरा बढ़ गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में बीते कुछ दिनों से लगातार जंगल सुलग रहे हैं। वन विभाग ने चुनौती को देखते हुए फायर क्रू स्टेशन पर अतिरिक्त फायर वाचर तैनात किए गए हैं।

By Vijay joshi Edited By: Swati Singh Updated: Fri, 29 Mar 2024 09:38 PM (IST)
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पारा चढ़ने के साथ तेजी से बढ़ने लगी है जंगल की आग
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में जंगलों के सुलगने का सिलसिला तेज हो गया है। बीते एक सप्ताह में तापमान में तेजी से वृद्धि होने के साथ ही मौसम शुष्क बना हुआ है। चटख धूप के बीच आग की घटनाओं में इजाफा हो रहा है। प्रदेश में फायर सीजन में अब तक 35 घटनाएं हो चुकी हैं। जबकि, आग से करीब 32 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है।

हालांकि, अप्रैल में भीषण गर्मी की आशंका के चलते वन विभाग की चुनौतियां बढ़ सकती हैं। इसे लेकर वन विभाग अतिरिक्त फोर्स तैनात करने के साथ क्विक रिस्पांस टीमों को भी सक्रिय किया गया है। मार्च समाप्त होने को है और धीरे-धीरे गर्मी चरम की ओर बढ़ रही है।

तप रहे पहाड़ से लेकर मैदान

पहाड़ से लेकर मैदान तक तपने लगे हैं। जिसके साथ ही वन विभाग की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है। तेजी से बढ़ रहे तापमान और चटख धूप से जंगल की आग का खतरा बढ़ गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में बीते कुछ दिनों से लगातार जंगल सुलग रहे हैं। वन विभाग ने चुनौती को देखते हुए फायर क्रू स्टेशन पर अतिरिक्त फायर वाचर तैनात किए गए हैं।

प्रभागीय वन अधिकारियों को भी भी नियमित अनुश्रवण और धरातलीय निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीणों के साथ लगातार बैठक आयोजित कर उन्हें जागरूक किया जा रहा है। साथ ही आग की घटना की जानकारी तत्काल वन विभाग को देने को कहा गया है। भारतीय वन सर्वेक्षण की ओर से मिल रहे फायर अलर्ट का वेरिफिकेशन कर आग को काबू करने का प्रयास किया जा रहा है।

जंगल की आग पर वन मुख्यालय ने भी कसी कमर

फायर सीजन-2024 में वनों की आग के नियंत्रण व प्रबंधन के उद्देश्य से वन मुख्यालय ने भी कमर कस ली है। जिसके तहत प्रदेश के समस्त वन प्रभागों में तैनात कार्मिकों को फील्ड स्तर पर मास्टर कंट्रोल रूम और क्रू स्टेशनों की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जंगल की आग की रिपोर्टिंग प्रबंधन प्रणाली के क्रियान्वयन, वायरलेस सेटों के सुचारू संचालन के साथ ही भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आइआरएस) की ओर से विकसित किए गए फॉरेस्ट फायर रिपोर्टिंग मोबाइल ऐप के क्रियान्वयन जानकारी दी जा रही है।

प्रदेश में जंगल की आग की स्थिति

क्षेत्र घटना प्रभावित क्षेत्र
आरक्षित वन 27 27
सिविल क्षेत्र 08 06
कुल 35 33
नोट- (प्रभावित क्षेत्र हेक्टेयर में है।)

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