उत्तराखंड में 24 घंटे के भीतर 104 स्थानों पर धधके जंगल, 15 फरवरी से अब तक हुईं कुल 903 घटनाएं
Forest Fire in Uttarakhand फायर सीजन में 15 फरवरी से अब तक जंगलों में आग लगने की कुल 903 घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें करीब 1300 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ। बीते 24 घंटे के भीतर प्रदेशभर में 104 नई घटनाएं दर्ज की गईं।
By Nirmala BohraEdited By: Updated: Fri, 22 Apr 2022 04:09 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून : उत्तराखंड में जंगलों के धधकने का सिलसिला जारी है। भीषण गर्मी के चलते बीते तीन दिनों से मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पौड़ी, गोपेश्वर, लैंसडौन समेत कई पहाड़ी इलाकों में जंगल धधक रहे हैं। बीते 24 घंटे के भीतर प्रदेशभर में 104 नई घटनाएं दर्ज की गईं। जिनमें कुल 167 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा।
इसी के साथ फायर सीजन में 15 फरवरी से अब तक कुल 903 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें करीब 1300 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ। आग पर काबू पाने के लिए राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) से भी मदद ली जा रही है। साथ ही ग्रामीणों और वन पंचायतों से भी सहयोग लिया जा रहा है।
आग पर काबू पाना चुनौती
वन विभाग के लिए आग पर काबू पाना फिर से चुनौती बन गया है। मौसम शुष्क होने और तापमान में बढ़ोतरी होने से जंगल की आग अनियंत्रित होने लगी है। मौसम के मिजाज को देखते हुए आने वाले कुछ दिनों में मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। वनों की आग और आपदा प्रबंधन के नोडल अधिकारी सीसीएफ निशांत वर्मा ने बताया कि फायर वाचर की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आग पर नियंत्रण पाया जा सके।
आग के विकराल होने की स्थिति में राजस्व विभाग, पुलिस, होमगार्ड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीआरडी जवानों के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण का सहयोग लिया जाएगा। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिलों में तमाम स्थानों पर जंगल सुलग रहे हैं।
ढिकालगांव में आग से गोशाला जलीवहीं श्रीनगर-सुमाड़ी रोड पर स्थित ढिकालगांव में जंगल में लगी आग ने एक गोशाला को चपेट में ले लिया। मौके पर पहुंचे वन कर्मियों और दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया। गनीमत रही जिस समय गोशाला में आग लगी, उस समय उसमें कोई मवेशी नहीं बंधा था। श्रीनगर से लगभग आठ किमी दूर ढिकालगांव में गुरुवार दोपहर में गांव के नीचे की झाडिय़ों में अचानक आग लग गई।
तेज हवा चलने से बड़ी-बड़ी झाडिय़ों में लगी आग जंगल से होते हुए मनबर सिंह नेगी की ओर से बनाई गई पक्की गोशाला तक जा पहुंची और देखते-देखते ही जंगल में लगी इस आग ने गोशाला को भी अपनी चपेट में ले लिया। सौभाग्य से उस समय मनबर सिंह ने अपनी गायों को गोशाला से बाहर अन्यत्र रखा हुआ था। गोशाला के समीप ही रखी गई बड़ी-बड़ी लकडिय़ां भी इस आग की चपेट में आ गईं।आग लगने की सूचना मिलते ही उपजिलाधिकारी श्रीनगर अजयवीर सिंह ने तुरंत वन विभाग की टीम और दमकल कर्मियों को मौके पर भेजा। मनबर नेगी, राहुल नेगी के साथ ही अन्य ग्रामीण भी अपने स्तर से आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे। दमकल कर्मियों और वन कर्मियों ने लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
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