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वन मंत्री हरक सिंह रावत बोले, कर्मचारियों को प्रमोशन देने से होगा विकास

उत्तराखंड सरकार कर्मियों को प्रमोशन देकर उन पर उपकार नहीं कर रही है। बल्कि इससे राज्य को ही फायदा है। ये कहना है वन मंत्री हरक सिंह रावत का।

By Edited By: Updated: Sun, 24 Nov 2019 02:47 PM (IST)
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वन मंत्री हरक सिंह रावत बोले, कर्मचारियों को प्रमोशन देने से होगा विकास
देहरादून, जेएनएन। राज्य सरकार कर्मियों को प्रमोशन देकर उन पर उपकार नहीं कर रही है। प्रमोशन से राज्य को नुकसान नहीं है, वरन इससे फायदा ही होगा। कर्मचारी मिल रहे उतने ही वेतन में अधिक क्षमता से काम करेगा जो प्रदेश के विकास में मददगार होगा। यह बात वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने वन क्षेत्राधिकारी संघ के चतुर्थ द्विवार्षिक सम्मेलन में कही। 

शनिवार को वसंत विहार स्थित एक होटल में सम्मेलन के प्रथम सत्र का उद्घाटन वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह बिष्ट ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। फिर प्रांतीय अध्यक्ष ने नौ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन वन मंत्री और प्रमुख वन संरक्षक को सौंपा। इस मौके पर वन मंत्री ने कहा कि पुलिस फोर्स सिर्फ बदमाशों से निपटती है, जबकि वन फोर्स तस्करों के साथ वन्य जीवों से भी टकराता है, इसलिए उन्हें भी पुलिस की तर्ज पर ड्यूटी के दौरान शहीद होने पर 15 लाख रुपये मुआवजा मिलना चाहिए। 
क्षेत्राधिकारी के पास 25-50 हजार का फंड हो जो जंगल में आग लगने जैसी आपात स्थिति में खर्च किया जा सके। उन्होंने कैशलेस सिस्टम को वन विभाग में पूरी तरह लागू नहीं करने की भी पैरवी की। उन्होंने कहा कि वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मियों को पीआरडी जवान, उपनल की तरह न्यूनतम वेतन मिलना चाहिए, इसको कैबिनेट में उठाया जाएगा। उन्होंने वन कर्मियों से जनता से विनम्रता से पेश आने की अपील की। प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने कहा कि वन विभाग के 16-17 संवर्गो में क्षेत्राधिकारी संवर्ग सबसे महत्वपूर्ण है। यह विभाग की रीढ़ है। 
उन्होंने कहा कि क्षेत्राधिकारी सीट का मोह छोड़ दें, फर्जी बिल नहीं बनाएं। बिना डर, प्रभाव में आकर काम करें। अगर कोई वरिष्ठ गलत करने को कहे तो विनम्रता से इसका विरोध करें। जनता को जंगल से जोड़ें ताकि वह आग बुझाने में मदद करें। इसके साथ ही उन्होंने संघ की मांगों का समर्थन किया। इस दौरान मुख्य वन संरक्षक जीएस पांडे, वन फील्ड कर्मचारी संघ अध्यक्ष कुलदीप पंवार, सहायक वन कर्मचारी संघ के महामंत्री आरआर पैन्यूली, धनंजय प्रसाद, रेंजर सावित्री गिरी, शालिनी जोशी, विजय पटवाल, सुभाष वर्मा, गिरीश चंद्र बेलवाल, राजेंद्र प्रसाद नौटियाल, प्रांतीय महामंत्री विजय पटवाल आदि मौजूद रहे। 
इन मांगों पर वन मंत्री, पीसीसीएफ ने जताई सहमति 
-सहायक वन संरक्षक पद में क्षेत्राधिकारी कोटा 50 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाए 
-पौधारोपण के लिए समय से बजट दिया जाए 
-पांच लाख से ऊपर के काम टेंडर से कराए जाएं 
-रेंजों में वाहन, चालक, तेल, अर्दली, रिवाल्वर उपलब्ध कराई जाए
-क्षेत्राधिकारी को पौष्टिक, वर्दी, धुलाई, जोखिम भत्ता दिया जाए 
-वन्य संपदा, वन्य जीव का शिकार पकड़ने पर कर्मियों को पकड़ी धनराशि का 25 प्रतिशत ईनाम दिया जाए 
-पुलिस की तरह वन कर्मियों को भी एक माह का अतिरिक्त वेतन भुगतान हो 
एसडीओ पर प्रमोशन हो गया, रेंज का चार्ज हटाया नहीं 
वन क्षेत्राधिकारी संघ के सम्मेलन में प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह बिष्ट ने कहा कि हाल ही में चार रेंजरों को एसडीओ के पद पर प्रमोशन दिया गया है। उनसे रेंज का चार्ज भी नहीं हटाया गया है ऐसे में वे रेंजर का काम करें या एसडीओ का। इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने प्रमुख वन संरक्षक जयराज से इस आदेश में सुधार लाने की मांग की है। इस पर जयराज ने जल्द ही कार्रवाई का आश्वासन दिया है। 
गणेश त्रिपाठी अध्यक्ष, मयंक कुमार महामंत्री चुने गए देहरादून
वन क्षेत्राधिकारी संघ के द्विवार्षिक सम्मेलन में गणेश त्रिपाठी को प्रांतीय अध्यक्ष और मयंक कुमार को प्रांतीय महामंत्री चुना गया है। सम्मेलन के द्वितीय सत्र में चुनाव अधिकारी कुलदीप पंवार की देखरेख में चुनाव संपन्न हुए। इसमें सर्व सम्मति से गणेश त्रिपाठी को प्रांतीय अध्यक्ष, प्रदीप कुमार उपाध्यक्ष, स्पर्श बाला महिला उपाध्यक्ष, मयंक कुमार महामंत्री, संतोष पंत संयुक्त मंत्री, राकेश नेगी प्रचार मंत्री, राजकुमार कोषाध्यक्ष, बृज बिहारी शर्मा संप्रेक्षक, महेंद्र गुसाई विधि सलाहकार चुने गए। नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।
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