पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फेंकी गुगली, निशाने पर भाजपा
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिये भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तराखंड फिर राजनैतिक अस्थिरता की ओर जा रहा है और इसके लिए भाजपा खुद दोषी है।
By Edited By: Updated: Sat, 15 Feb 2020 08:23 AM (IST)
देहरादून, विकास धूलिया। कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को अपनी नई सियासी गुगली से राजनैतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तराखंड फिर राजनैतिक अस्थिरता की ओर जा रहा है और इसके लिए भाजपा खुद दोषी है। हालांकि, हरदा ने इस बात को सिरे से नकार दिया कि वह या कांग्रेस, इसके लिए किसी भी तरह जिम्मेदार हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सूबे के उन चुनिंदा नेताओं में शुमार हैं, जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर खुलकर अपनी बात रखते हैं। शुक्रवार दोपहर उन्होंने दो ट्वीट किए, जिन्होंने शाम होते-होते तरह-तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया। हरदा ने लिखा, 'दिल्ली के चुनाव और उत्तराखंड में मची हलचल, एक बात का स्पष्ट संकेत दे रही है कि उत्तराखंड फिर राजनैतिक अस्थिरता की तरफ जा रहा है। भाजपा उत्तराखंड में राजनैतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए आपराधिक स्तर तक दोषी है।' अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'राज्य के जन्म के साथ ही भाजपा ने उत्तराखंड में अस्थिरता को जन्म दिया। ऐसा लगता है अस्थिरता की लत भाजपा को इतनी गहरी लग चुकी है कि वह छूटे नहीं छूट रही।'
इन ट्वीट के माध्यम से हरदा ने उत्तराखंड की पहली अंतरिम भाजपा सरकार और भाजपा की वर्ष 2007 में बनी सरकार में नेतृत्व परिवर्तन को अस्थिरता से जोड़ते हुए तंज कसा। अलबत्ता, उन्होंने इसमें भाजपा की मौजूदा प्रदेश सरकार को भी लपेट लिया। दरअसल, शुक्रवार को सोशल मीडिया में एक पोस्ट वायरल रही, जिसमें पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को भविष्य में मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार बताया गया। माना जा रहा है कि सियासी पैंतरों के माहिर हरदा ने इसी वायरल पोस्ट को लपक कर इसे अस्थिरता से जोड़ते हुए जोरदार गुगली फेंक डाली। वैसे यह भी सच है कि हरीश रावत द्वारा की गई पोस्ट में उनका स्वयं का दर्द भी कहीं न कहीं झलका।
वह इसलिए क्योंकि फरवरी 2014 में जब हरीश रावत ने विजय बहुगुणा के स्थान पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री पद संभाला, उसके बाद से पार्टी को कई बार टूट से गुजरना पड़ा। पहले तो वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल महाराज ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा। इसके बाद मार्च से मई 2016 तक पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा समेत 10 पार्टी विधायक भी भाजपा में चले गए। उस वक्त हरीश रावत की सरकार संकट में आ गई थी और सूबे में राष्ट्रपति शासन तक लगा। हालांकि जल्द ही कोर्ट के निर्देश पर हुए फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित कर उनकी सत्ता में वापसी हो गई।
अब दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद भाजपा में शीर्ष स्तर पर चल रहे मंथन को उचित मौका मानकर हरदा ने अपने बयान से हलचल तो पैदा कर ही दी। हालांकि 'दैनिक जागरण' से बातचीत में हरीश रावत ने कहा कि जिस तरह की चर्चाएं चल रही हैं, वही उन्होंने सोशल मीडिया में लिखा। उन्होंने कहा कि कोई भाजपा विधायक उनके संपर्क में नहीं है और वह स्वयं या कांग्रेस राजनैतिक अस्थिरता के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
हरदा के ट्वीट पर भाजपा का पलटवारपूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के ट्वीट पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का ट्वीट कांग्रेस के अंदरूनी हालत से जनता का ध्यान बंटाने की कोशिश मात्र है।यह भी पढ़ें: पिछली सांसद निधि के 26 करोड़ रुपये हैं बकाया, नए काम ठप
डॉ.भसीन ने कहा कि भाजपा उत्तराखंड में पूरी तरह से एकजुट है। पूरी पार्टी और सरकार मिलकर प्रदेश को प्रगति के मार्ग पर आगे ले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में सरकार और प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के नेतृत्व में संगठन उत्तराखंड में विकास की नई परिभाषा लिख रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस लगातार बिखर रही है।यह भी पढ़ें: महानगर कार्यकारिणी ने टीम भावना से कार्य करने का लिया संकल्प Dehradun News
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।