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उत्‍तराखंड : पूर्व मंत्री लाखीराम जोशी भाजपा से निलंबित, पार्टी ने भेजा कारण बताओ नोटिस

भाजपा नेता लाखीराम जोशी को भाजपा से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उन्‍हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया है जिसमें उनसे सात दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। पार्टी ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई इंटरनेट मीडिया में वायरल हुए उस पत्र का संज्ञान लेते हुए की है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 13 Nov 2020 10:44 PM (IST)
भाजपा नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखीराम जोशी को भाजपा से निलंबित कर दिया गया है। फाइल फोटो
देहरादून, राज्य ब्यूरो। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने पर कैबिनेट मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत की नाराजगी के प्रकरण की आंच अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि अब पार्टी के एक वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री लाखीराम जोशी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। जोशी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के फैसलों पर अंगुली उठाते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। भाजपा के प्रांतीय नेतृत्व ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए जोशी को पार्टी से निलंबित कर दिया है। साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस भी भेजा है। उधर, जोशी का कहना है कि पार्टी नेतृत्व उन्हें इस तरह निलंबित नहीं कर सकता। इसकी पूरी प्रक्रिया होती है।

टिहरी के पूर्व विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखीराम जोशी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया पत्र इंटरनेट मीडिया में अचानक वायरल हुआ। पत्र में जोशी ने कहा है कि प्रदेश में भाजपा सरकार तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। इस अवधि में मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए विवादास्पद निर्णयों से पार्टी की छवि को धक्का लगा है। पत्र में नैनीताल हाईकोर्ट के उस आदेश का भी जिक्र किया गया है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी।इस पत्र के वायरल होने के बाद प्रदेश भाजपा संगठन सक्रिय हुआ और बीती देर शाम प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मामले का संज्ञान लेते हुए अन्य नेताओं से इस समेत अन्य मसलों पर विमर्श किया। 

जोशी के प्रकरण को अनुशासनहीनता करार दिया गया। इसके बाद शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष भगत ने जोशी को निलंबित करने के साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजने का फैसला लिया। प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष डॉ.देवेंद्र भसीन के अनुसार पूर्व मंत्री जोशी को नोटिस का जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। उत्तर न मिलने अथवा इसके संतोषजनक न पाए जाने पर उन्हें पार्टी से निष्कासित भी किया जा सकता है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का कहना है कि भाजपा में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण विषयों में है। कोई भी कार्यकर्ता, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसे अनुशासनहीनता के मामले में कोई रियायत नहीं दी जा सकती। यदि किसी के मन में कोई विषय है तो वह सीधे मुझसे कह सकता है। मैं संबंधित विषय को उच्च स्तर तक ले जाऊंगा, लेकिन अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जा सकती।

पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखीराम जोशी ने कहा कि भाजपा संगठन की छवि खराब न हो, इसलिए मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जहां तक प्रांतीय नेतृत्व द्वारा मुझे निलंबित करने का प्रश्न है तो संगठन इस तरह से निलंबित नहीं कर सकता। इसके लिए पूरी प्रक्रिया होती है। पहले नोटिस दिया जाता है और फिर कार्रवाई होती है। मैंने पार्टी संगठन की छवि बचाने के लिए ही पत्र लिखा है।

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