पूर्व मंत्री नैथानी ने वीसी चयन में देरी को लेकर सरकार पर बोला हमला
पूर्व शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मंत्री प्रसाद नैथानी ने कुमाऊं विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति में देरी को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला।
By BhanuEdited By: Updated: Thu, 06 Feb 2020 09:41 AM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। पूर्व शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मंत्री प्रसाद नैथानी ने कुमाऊं विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति में देरी को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कार्यवाहक कुलपति शिक्षकों का उत्पीड़न कर रहे हैं। कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने सरकार पर शिक्षा में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुमाऊं विश्वविद्यालय में सरकार के दबाव बनाने पर कुलपति पद से प्रो नौरियाल को इस्तीफा देना पड़ा। नए कुलपति के चयन में जानबूझकर देरी की जा रही है। सर्च कमेटी पैनल राजभवन भिजवा चुकी है। उन्होंने कहा कि कार्यकारी कुलपति नियुक्त केएस राणा शिक्षकों का उत्पीडऩ कर रहे हैं। कांग्रेस इस मामले में चुप नहीं बैठेगी। उन्होंने सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में नए चयनित अतिथि शिक्षकों के स्थान पर पहले से कार्यरत रहे अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों के मामले में सरकार नई नीति बना रही है। इसका विरोध किया जाएगा। सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के रुख पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाले के मुख्य दोषी पकड़ से बाहर हैं। उन्होंने सरकार पर एनसीसी एकेडमी जानबूझकर टिहरी के माल्डा से पौड़ी शिफ्ट करने का आरोप भी लगाया।
कांग्रेसियों ने समाज कल्याण दफ्तर का किया घेरावसमाज कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति लाभार्थियों को समय पर नहीं मिलने सहित अन्य समस्याओं को लेकर महानगर कांग्रेस ने जिला समाज कल्याण विभाग का घेराव किया। कांग्रेस अनुसूचित जाति जनजाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक राजकुमार के नेतृत्व में कांग्रेसी सर्वे चौक स्थित जिला समाज कल्याण कार्यालय पहुंचे। वहां पर प्रदर्शन करते हुए राजकुमार ने कहा कि समाज कल्याण की योजनाओं का लाभ जरूरतमंद छात्रों को समय पर नहीं मिल रहा है। जिससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि अन्य समस्याओं को लेकर भी कई बार विभाग को अवगत कराया गया लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रदर्शनकारियों ने इस संबंध में अपर समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिडिल्याल को ज्ञापन सौंपा। घेराव करने वालों में महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, प्रदेश सचिव सोम प्रकाश वाल्मीकि, जगदीश धीमान, पार्षद डॉ. बिजेंद्र पाल, अर्जुन सोनकर, देविका रानी, निखिल कुमार, सविता सोनकर, पूर्व पार्षद अशोक कोहली आदि शामिल थे। यह भी पढ़ें: मांगों को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात
गिनाई मांगें - छात्रवृति न मिलने के कारण जिन छात्रों को संस्थान से निकाला गया है, उनकी शिक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। - वर्ष 2019-2020 की अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जाति के छात्र-छात्राओं को छात्रवृति नहीं मिली। उनकी छात्रवृत्ति जल्द वितरित की जाए। - स्वत: रोजगार योजना के अंतर्गत आने वाली ऋण राशि को बढ़ाया जाए। - विकलांग और दिव्यांगजनों के आधार कार्ड जल्द बनाए जाएं, ताकि वह अपनी पेंशन का लाभ उठा सके।
- प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाली छात्रवृति राशि बढ़ाई जाए। - सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। - भाट सिख जाति को अन्य राज्यों की भांति उत्तराखंड में भी अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल किया जाए। - स्वच्छकारों के सर्वेक्षण के लिए प्रत्येक वार्ड में शिविर लगाए जाएं।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में मंत्रियों के कामकाज के रिपोर्ट कार्ड का आकलन करेंगे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
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