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उत्तराखंड में हाईस्कूल छात्रों के मूल्यांकन का फार्मूला जल्द होगा तय, पढ़िए पूरी खबर

उत्तराखंड बोर्ड के हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं के बगैर परीक्षा मूल्यांकन का फार्मूला जल्द तय किया जाएगा। इन 1.48 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं की प्रयोगात्मक परीक्षाओं समेत आनलाइन या वर्कशीट के आधार पर अब तक किए गए मूल्यांकन का ब्योरा एकत्र किया जा रहा है।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Tue, 04 May 2021 06:20 AM (IST)
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उत्तराखंड में हाईस्कूल छात्रों के मूल्यांकन का फार्मूला जल्द होगा तय।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड बोर्ड के हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं के बगैर परीक्षा मूल्यांकन का फार्मूला जल्द तय किया जाएगा। इन 1.48 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं की प्रयोगात्मक परीक्षाओं समेत आनलाइन या वर्कशीट के आधार पर अब तक किए गए मूल्यांकन का ब्योरा एकत्र किया जा रहा है। इस महीने के आखिरी तक इस फार्मूले को अंतिम रूप दिया जा सकता है। कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने की वजह से उत्तराखंड बोर्ड हाईस्कूल की परीक्षा रद कर चुका है। इस कक्षा के परीक्षार्थियों का मूल्यांकन कर उन्हें अंक दिए जाएंगे। मूल्यांकन के लिए अभी नीति निर्धारण का कार्य बोर्ड के स्तर पर चल रहा है। इसे अंतिम रूप देकर शासन स्तर पर मंथन किया जाएगा। 

दरअसल, बीते शैक्षिक सत्र में ज्यादातर समय आनलाइन पढ़ाई हुई है। नवंबर के बाद बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर कक्षाओं के लिए स्कूल खोले गए थे। कोरोना काल में खोले गए स्कूलों में बोर्ड परीक्षार्थियों की उपस्थिति पर भी असर देखा गया है। ऐसे में सीबीएसई की तुलना में उत्तराखंड बोर्ड को अपने परीक्षार्थियों के मूल्यांकन की चुनौती से ज्यादा जूझना पड़ रहा है। छात्र-छात्राओं के मूल्यांकन के लिए अब तक आनलाइन और आफलाइन पहल के आंकड़े भी जुटाए जा रहे है। हाईस्कूल के परीक्षार्थियों के मूल्यांकन को जिलों में भी कदम उठाए गए थे। 

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से तैयार वर्कशीट के माध्यम से किए गए मूल्यांकन का ब्योरा भी विभाग जुटा रहा है। अब कोशिश ये की जा रही है कि कोरोना संकटकाल में परेशानी से जूझने वाले हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं का उचित मूल्यांकन किया जा सके। इसके लिए बोर्ड ने भी तमाम जिलों से ब्योरा मंगाया है। मूल्यांकन का फार्मेट तैयार होने के बाद इसे मंजूरी के लिए शासन के समक्ष रखा जाएगा। 

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते शिक्षा व्यवस्था और छात्रों की पढ़ाई को कठिनाई से जूझना पड़ा है। बोर्ड परीक्षार्थियों के मामले में विभाग हर परिस्थिति को ध्यान में रखकर मूल्यांकन को तरजीह दे रहा है, ताकि आम छात्र के साथ न्याय हो सके।

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