देहरादून से त्यूणी जा रही ओवरलोड यात्री बस टोंस नदी में समाई, 45 मरे
हिमाचल की सीमा पर गुमा अंतरोली के पास निजी परिवहन कंपनी की यात्री बस गहरी खाई से लुढ़ककर टोंस नदी में समा गई। हादसे में 45 यात्रियों की मौत हो गई।
देहरादून, [जेएनएन]: हिमाचल की सीमा पर गुमा अंतरोली के पास निजी परिवहन कंपनी की यात्री बस गहरी खाई से लुढ़ककर टोंस नदी में समा गई। हादसे में 45 यात्रियों की मौत हो गई। कुछ यात्रियों के नदी में बहने की भी चर्चा है। यद्यपि, अधिकारिक तौर पर इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है। मृतकों में 28 पुरुष, 10 महिलाएं और 7 बच्चे शामिल हैं। परिचालक और एक युवक को गंभीर चोटें आई हैं।
प्रथमदृष्टया हादसे के कारण बस के स्टेयरिंग में तकनीकी खराबी आना बताया जा रहा है, इसकी वजह से चालक मोड़ नहीं काट पाया। हालांकि बताया यह भी जा रहा है कि जिस स्थल पर दुर्घटना हुई, वहां सड़क भी खस्ताहाल है। उत्तराखंड का प्रशासनिक अमल करीब पांच घंटे बाद मौके पर पहुंचा, दूरी कम होने के चलते हिमाचल के चौपाल उपमंडल के अधिकारी इससे पहले वहां पहुंच गए थे।
विकट स्थितियां होने से शवों को सड़क तक लाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। हादसे के बाद से पूरे जौनसार इलाके में मातम पसरा हुआ है।
हिमाचल सीमा में जगाधरी-पांवटा-रोहड़ू राजमार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त यात्री सब बुधवार करीब सुबह छह बजे विकासनगर से त्यूणी केराड़ के लिए चली थी।
करीब 80 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद बस हिमाचल चौपाल उपमंडल के नेरुवा थाना क्षेत्र में गुमा के नजदीक अचानक अनियंत्रित होकर करीब 400 मीटर गहरी खाई में गिरकर टोंस नदी में जा समाई। बताया गया कि 37 सीटर इस बस में 47 से 48 सवारियां बैठी थीं। हादसे में परिचालक और एक युवक को छोड़ कोई भी नहीं बचा। बताया जा रहा कि ये दोनों बस लुढ़कने के साथ ही जान बचाने के लिए बाहर कूद गए थे। हादसे की सूचना पर देहरादून ने डीएम ने शिमला प्रशासन से संपर्क साधा। करीब एक घंटे बाद नेरुवा थाने की पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे, इससे पहले स्थानीय लोग रेस्क्यू में जुट गए थे।
हादसे में बस के परखच्चे उड़ गए। देर शाम तक 45 शवों को नदी से बाहर निकाल किया गया था, लेकिन क्षत-विक्षत होने के कारण मृतकों की शिनाख्त में दिक्कतें आ रही हैं। अभी केवल 24 की ही शिनाख्त हो पाई है।
जौनसार बावर के विभिन्न इलाकों के लोग मृतकों की शिनाख्त के लिए घटनास्थल पर जुटे हुए हैं। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम के साथ ही स्थानीय लोग रेस्क्यू में जुटे हैं। खाई गहरी होने की वजह शव सड़क तक पहुंचाने में परेशानी आ रही है। रात तक 17 ही शव खाई से निकाले जा सके थे। मुख्य सचिव एस रामास्वामी और एडीजी रामसिंह मीणा ने बताया कि रेस्क्यू जारी है।
रास्ते में खराब भी हुई थी बस
बताया गया कि काल का ग्रास बनी यात्री बस दुर्घटनास्थल से लगभग पंद्रह किलोमीटर पहले मीनस में खराब हो गई थी। यहां पर चालक परिचालक ने खुद ही जुगाड़बाजी से उसे ठीक किया और गंतव्य को बढ़े।
मृतक आश्रितों को एक-एक लाख
राज्य सरकार ने मृतक आश्रितों को एक-एक लाख, गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार और सामान्य घायलों को 25 हजार रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हादसे पर दुख व्यक्त किया, साथ ही मुख्य सचिव को घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
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