छात्रवृत्ति घोटाले में तीन जनपदों में चार मुकदमे हुए दर्ज
छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी ने अपनी कार्रवाई का दायरा बढ़ाते हुए ऊधमसिंह नगर नैनीताल व टिहरी में चार मुकदमे दर्ज किए हैं।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 26 Sep 2019 08:55 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी ने अपनी कार्रवाई का दायरा बढ़ाते हुए ऊधमसिंह नगर, नैनीताल व टिहरी में चार मुकदमे दर्ज किए हैं। यह कार्रवाई एसआइटी की जांच में लाखों रुपये के फर्जी भुगतान के प्रमाण मिलने के बाद की गई। अभी आठ और जनपदों में एसआइटी की जांच चल रही है। यहां भी जल्द मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।
हाईकोर्ट के आदेश पर दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में 11 जिलों की जांच पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) संजय गुंज्याल के नेतृत्व वाली एसआइटी कर रही है। पहले इसी जांच के दायरा देहरादून व हरिद्वार तक सीमित था। जांच के दौरान एसआइटी ने 2012 से 2016 के बीच बांटी गई छात्रवृत्ति के रिकार्ड खंगाले। आइजी गुंज्याल ने बताया कि जांच में ऊधमसिंहनगर के जसपुर तथा बाजपुर में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बाजपुर क्षेत्र में घोटालेबाजों ने ऋषि इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, प्रतापपुर, मेरठ से मिलीभगत कर लाखों का फर्जीवाड़ा किया। इसी तरह जसपुर में ब्राइटलैंड कॉलेज रेवाड़ी, हरियाणा में फर्जी दस्तावेजों से दाखिला दिखाकर लाखों रुपये हड़पे गए।
यहां दलालों, शिक्षण संस्थानों के संचालक, बैंक और विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इधर, नैनीताल में भी घोटालेबाजों ने मोनाड यूनिवर्सिटी, हापुड़ के नाम 28 छात्रों की छात्रवृत्ति की 20 लाख, 63 हजार के चेक जारी करा लिए। जांच में इस संस्थान में छात्रों का पंजीकरण तक नहीं पाया गया। यहां भी संस्थान के संचालकों, इंडियन ओवरसीज बैंक शाखा हापुड़ के कर्मचारियों तथा अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उधर, जनपद टिहरी के चंबा स्थित अन्नपूर्णा फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (एएफसीआइ) में भी छात्रवृत्ति के नाम पर लाखों का घपला सामने आया है।
संजय गुंज्याल (आइजी/ प्रभारी, एसआइटी) का कहना है कि अभी तीन जनपदों में फर्जीवाड़ा सामने आया है। आठ जनपदों में एसआइटी जांच जारी है। पुख्ता दस्तावेज हाथ लगते ही घोटालेबाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। विवेचना पूरी होने के बाद आरोपितों की गिरफ्तारी की जाएगी।
16 आरोपित जा चुके जेल हरिद्वार और देहरादून में भी एसआइटी ने दो मुकदमे दर्ज किए हैं। हरिद्वार में 13 संस्थानों के 16 संचालकों को एसआइटी जेल भेज चुकी है। यहां 50 करोड़ से ज्यादा का घपला सामने आया था। हालांकि अभी यहां जांच जारी है। इसी तरह देहरादून के नौ कॉलेजों पर एसआइटी की जांच चल रही है।
यह भी पढ़ें: फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी पाने वाले शिक्षकों की बढ़ी मुश्किलें, एसआइटी ने शुरू की जांच एसआइटी जांच में यह बातें आई सामने
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- दूसरी योजना का लाभ दिलाने का झांसा देकर छात्रों के प्रमाणपत्र से फर्जी तरीके से हड़पी छात्रवृत्ति।
- सामान्य वर्ग के छात्रों को एससी/एसटी एवं ओबीसी में दिखाया गया।
- छात्रों का फर्जी दाखिला दिखाकर छात्रवृत्ति प्राप्त की।