समृद्ध खानपान फिर भी बच्चों को नहीं मिल रहा है पर्याप्त पोषण
नीति आयोग की ओर से जारी देश के 170 कुपोषित जिलों की सूची में उत्तराखंड से हरिद्वार, चमोली, उत्तरकाशी और ऊधमसिंहनगर का नाम शामिल किया गया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 31 Mar 2018 05:07 PM (IST)
देहरादून, [गौरव ममगाईं]: समृद्ध खानपान और औसत आर्थिकी वाले उत्तराखंड में भी बच्चों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पा रहा है। यहां बड़ी संख्या में बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, जो कि प्रदेश सरकार के लिए भी चिंता का विषय है। नीति आयोग की ओर से जारी देश के 170 कुपोषित जिलों की सूची में उत्तराखंड से हरिद्वार, चमोली, उत्तरकाशी और ऊधमसिंहनगर का नाम शामिल किया गया है। देशभर में पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों में कराए गए पोषण के सर्वे में यह हकीकत सामने आई। कुपोषित जिलों में बच्चों में उनकी आयु के हिसाब से लंबाई और भार में अपेक्षाकृत काफी कमी पाई गई।
जनपद संख्या के हिसाब से भले ही कुपोषित जनपदों में उत्तराखंड का स्थान 13वां है, लेकिन राज्य के कुल जनपद संख्या और कुपोषित जनपदों की तुलना करें तो उत्तराखंड के 31 फीसद क्षेत्र में बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। जबकि, इस मामले में सात जिले कुपोषित होने के बाद भी उत्तर प्रदेश के महज नौ फीसद बच्चे ही कुपोषित हैं। हालांकि, जिलों के हिसाब से उत्तर प्रदेश की रैंक चौथी है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश ऐसे जिले रहे जहां कुल जनपद व क्षेत्र के हिसाब से भी कुपोषण की स्थिति काफी गंभीर है। इस तरह महज दो जिलों वाले गोवा में एक जिला कुपोषित घोषित होने से 50 फीसद हिस्सा कुपोषित बच्चों की श्रेणी में खड़ा है।
रैंक----राज्य-------कुपोषित जनपद------जनपदों का फीसद
1----मध्य प्रदेश--------18---------------------------352----महाराष्ट्र-----------13----------------------------36
3----बिहार---------------12---------------------------314---उत्तर प्रदेश---------7------------------------------913-उत्तराखंड------------4-----------------------------31 29-----गोवा--------------1-----------------------------50
उत्तराखंड के कुपोषित जनपदजनपद---------कुपोषित दर---------कम भार---------कम लंबाई (फीसद)हरिद्वार---------39.80-----------------31---------------------------69यूएसनगर-------37.80-----------------42---------------------------58उत्तरकाशी------35.20-----------------25---------------------------75चमोली-----------33.70-----------------35---------------------------65 (नोट: कुपोषण पर आधारित समस्त आंकड़ें नीति आयोग की वेबसाइट से लिए गए हैं।)यह है मानक माह/वर्ष------------लंबाई (सेंटीमीटर में)----भार (किलोग्राम में) जन्म में------------50--------------3 6 माह--------------65--------------61 वर्ष--------------75--------------92 वर्ष--------------85--------------123 वर्ष--------------95--------------144 वर्ष--------------100------------16यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के वनों में खूब फलफूल रहे हैं बाघों के कुनबेयह भी पढ़ें: उत्तराखंड में विकास दर में गिरावट थामने की चुनौती
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