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घस्यारी कल्याण योजना से जोड़े गए चार नए जिले, महिलाओं को गांव में ही दिया जाता है हरा चारा और संपूर्ण मिश्रित पशु आहार

देश सरकार ने नवंबर 2021 में घस्यारी कल्याण योजना शुरू की थी। घस्यारी कल्याण योजना को मिली शुरुआती सफलता के बाद अब इसमें चार और नए जिलों को जोड़ दिया है। इनमें टिहरी चमोली नैनीताल और बागेश्वर शामिल हैं।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Fri, 27 May 2022 11:27 AM (IST)
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सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत ने सचिव सहकारिता को दिए निर्देश
राज्य ब्यूरो, देहरादून: सरकार ने घस्यारी कल्याण योजना को मिली शुरुआती सफलता के बाद अब इसमें चार और नए जिलों को जोड़ दिया है। इनमें टिहरी, चमोली, नैनीताल और बागेश्वर शामिल हैं। सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत ने सचिव सहकारिता को इसके आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश सरकार ने नवंबर 2021 में घस्यारी कल्याण योजना शुरू की थी। इसकी शुरुआत पौड़ी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा व चम्पावत जिलों से हुई। इस योजना के तहत महिलाओं को गांव में ही सुरक्षित हरा चारा और संपूर्ण मिश्रित पशु आहार दिया जाता है। इसके साथ ही सरकार मक्के की खेती में सहयोग करने के साथ ही फसलों की खरीद भी कर रही है।

सहकारिता मंत्री रावत ने बताया कि सहकारिता विभाग राज्य समेकित विकास परियोजना के तहत इस योजना को चला रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना से अब पर्वतीय इलाकों की करीब तीन लाख महिलाओं के कंधे से बोझ कम होगा। उन्होंने कहा कि इस समय महिलाएं अपने कंधों पर घास और लकड़ी लेकर आ रही हैं। इससे उनका काफी समय लग जाता है।

अगर उन्हें आसानी से घास मिलेगी तो इससे समय की बचत भी होगा। उन्होंने कहा कि योजना की सफलता के बाद अब प्रदेश के दो हजार किसान परिवारों को दो हजार एकड़ भूमि पर मक्का की सामूहिक खेती के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। इसकी फसल 120 दिन में तैयार हो जाती है तो किसान इसके बाद तिलहन, मटर और सब्जियों की भी खेती कर लाभ कमा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि मक्के की सहकारी खेती करने वाले किसानों की आय में वृद्धि हो रही है। इसके तहत एम-पैक्स के माध्यम से किसानों को कृषि उपकरण, कृषि ऋण सुविधा, बीज, उर्वरक की व्यवस्था कराने के साथ ही उपज की खरीद भी की जा रही है।

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