फोन कर मांगी खाते से जुड़ी जानकारी, फिर उड़ाए 2.47 लाख रुपये Dehradun News
ऋषिकेश में फोन कर एक युवक को झांसे में लेकर खाते की जानकारी ली गई और फिर उसके खाते से दो लाख से ज्यादा की रकम साफ कर दी गई।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 29 Jan 2020 05:43 PM (IST)
ऋषिकेश, जेएनएन। एक व्यक्ति ने किसी अज्ञात शख्स को अपने फोन पर आया ओटीपी बता दिया, जिसके बाद उसके खाते से दो लाख 47 हजार रुपये साफ कर दिए गए। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
इस मामले में नेहरू मार्ग आशुतोष नगर निवासी विपिन सिंह रावत ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है। विपिन ने बताया कि उसका बैंक ऑफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में खाता है। यह सभी खाते उसके द्वारा गूगल पे से जोड़े गए हैं। विपिन ने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसे फोन किया और उसे विश्वास में लेकर उसके फोन का ओटीपी और अन्य जानकारियां मांग ली। कुछ ही समय बाद पता चला कि विपिन के खाते से दो लाख 47 हजार रुपये निकाल दिए गए। ऑटो चालक पर मुकदमा
16 जनवरी 2020 को मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति को टक्कर मारकर घायल करने वाले ऑटो चालक के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया है। इस संबंध में शांति नगर निवासी संजय कुमार ने पुलिस को तहरीर दी। उन्होंने बताया कि 16 जनवरी को उनके पिता इंदर सिंह अपनी बाइक से दुकान पर जा रहे थे। इसी बीच हरिद्वार रोड स्थित पेट्रोल पंप के सामने एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी। दुर्घटना में उनके पिता के सिर, हाथ और चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं, जबकि ऑटो चालक विशाल मौके से फरार हो गया था। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपित विशाल निवासी पुरानी चुंगी, गैरोला नगर, हरिद्वार रोड ऋषिकेश के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है।
चरस तस्कर को 10 साल की कैद
विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस सुधीर कुमार की अदालत ने एक चरस तस्कर को 10 साल कठोर कारावास और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को दो वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। यह भी पढ़ें: सर्वे कानूनगो पांच हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार Dehradun News
चार दिसंबर 2010 को विकासनगर थाना पुलिस लेहमन पुल के नजदीक वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान रमेश निवासी ग्राम बायला त्यूनी चकराता को रोककर उसकी तलाशी ली गई। उसके पास एक किलो 50 ग्राम चरस मिली। आरोपित के खिलाफ थाना विकासनगर में एनडीपीएस का मुकदमा दर्ज किया गया था। करीब नौ साल बाद मंगलवार को अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है। यह भी पढ़ें: सीबीआइ ने असिस्टेंट गैरीसन इंजीनियर और जेई को घूस लेते दबोचा
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