छद्म कारोबार में एक करोड़ के आइटीसी क्लेम का फर्जीवाड़ा
स्टेट जीएसटी की एसटीएफ ने कोटद्वार में आयरन इंगट बनाने वाली फर्म पर छापा मारकर एक करोड़ रुपये से अधिक का आइटीसी क्लेम का फर्जीवाड़ा पकड़ा है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 20 Jan 2020 05:26 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में फर्जी कारोबार के जरिए आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) क्लेम हड़पने की प्रवृत्ति थम नहीं रही। ऐसे ही एक मामले में स्टेट जीएसटी की एसटीएफ (विशेष कार्यबल) ने कोटद्वार में आयरन इंगट (लौह पिंड) बनाने वाली फर्म पर छापा मारकर एक करोड़ रुपये से अधिक का आइटीसी क्लेम का फर्जीवाड़ा पकड़ा। वह तो गनीमत रही कि 40 लाख रुपये के आइटीसी क्लेम को ऐन वक्त पर ब्लॉक कर दिया गया।
जीएसटी टीम ने यह कार्रवाई आयुक्त राज्य कर सौजन्या और अपर आयुक्त राकेश टंडन के निर्देश पर की। संयुक्त आयुक्त एनसी जोशी के नेतृत्व में एसटीएफ और सचल दल इकाइयों के अधिकारियों ने शनिवार को फर्म पर छापा मारा। अब तक की जांच में पता चला कि यह फर्म दिल्ली की अलग-अलग फर्मों से कच्चा माल खरीद रही थी, जबकि वह फर्म अस्तित्व में थी ही नहीं, क्योंकि जिन फर्मों से माल की खरीद होनी दिखाई जा रही थी, वह भी बेचे गए माल पर कोई टैक्स जमा नहीं कर रही थी।
इसके बाद भी कोटद्वार की फर्म आइटीसी क्लेम कर रही थी। फर्म की ओर से बताया जा रहा था कि उस पर जो टैक्स बनता है, वह आइटीसी क्लेम से कम है। लिहाजा, टैक्स भी जमा नहीं किया जा रहा था और उसके अंतर को बिना कारोबार सरकार से हड़प करने की पूरी तैयारी कर ली गई थी। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि फर्म ने एक करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी कर ली है। इसकी वसूली की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही फर्म के कार्यालय से बड़े पैमाने पर रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं। इनका विश्लेषण किया जा रहा है। छापा मारने वाली टीम में उपायुक्त बीपी सिंह, सहायक आयुक्त विनय पांडे, मानवेंद्र सिंह, अवनीश पांडे, विनोद कुमार, अशोक कुमार, कमलेश्वर कुमार आदि शामिल रहे।
40 लाख के क्लेम से खुला मामला संयुक्त आयुक्त एनसी जोशी के अनुसार कोटद्वार की फर्म ने वर्ष 2019-20 के कारोबार पर कोई कर अदा नहीं किया। इसके बाद भी करीब 40 लाख रुपये के आइटीसी क्लेम के लिए आवेदन कर दिया था। इस पर शक होने पर जब जांच की गई तो पता चला कि फर्जी फर्मों से माल की खरीद दिखाई जा रही है। लिहाजा, तत्काल प्रभाव से इस क्लेम को ब्लॉक कर दिया गया।
फर्म ने दिया 40 लाख का चेक कर चोरी पकड़ में आने के बाद फर्म संचालकों ने तत्काल प्रभाव से 40 लाख रुपये का चेक विभाग के पक्ष में जमा करा दिया। शेष राशि की वसूली की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। 8500 करोड़ के घपले में दो गिरफ्तार उत्तराखंड में किए गए फर्जीवाड़े में शामिल थे आरोपितजीएसटी के अधिकारियों ने बीते 16 दिसंबर को 8500 करोड़ रुपये के फर्जी कारोबार के जरिये कर चोरी और आइटीसी क्लेम का मामला पकड़ा था। इसके साथ ही फर्जीवाड़ा करने वाली 70 फर्मों से 220 करोड़ रुपये की वसूली करने की कार्रवाई शुरू की गई थी। इस राशि का भुगतान इन फर्मों ने आइजीएसटी (इंटीग्रेटेड जीएसटी) में तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र आदि प्रदेशों में किया जाना दिखाया था।
यह भी पढ़ें: एनआरएचएम में हुए दवा खरीद घोटाले में सीबीआइ ने भेजा रिमाइंडररिकवरी के लिए केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी के अधिकारियों ने संबंधित राज्यों को पत्र भेज दिए थे, जिससे समय रहते इन पर नकेल कस दी जाए और यह फर्में कहीं पर भी इनपुट ट्रैक्स क्रेडिट (आइटीसी) और रिफंड का लाभ भी न प्राप्त कर सकें। जांच में यह भी पता चला था कि 1200 करोड़ रुपये के ई-वे बिल के जरिये 8500 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाने वाली फर्मों ने उत्तराखंड में करीब 194 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी आइटीसी क्लेम प्राप्त करने की तैयारी भी कर ली थी।
यह भी पढ़ें: हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के आठ फर्जी शिक्षक हुए निलंबितहालांकि, समय रहते मामला प्रकाश में आ जाने और अधिकारियों की सक्रियता से टैक्स चोरों के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए। इनमें दो फर्म देहरादून की भी हैं, जिन्होंने 191 करोड़ रुपये के ई-वे बिल बना लिए थे। स्टेट जीएसटी के उपायुक्त एसएस तिरुवा ने बताया कि इसी मामले में दिल्ली में केंद्रीय जीएसटी की टीम ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य राज्यों ने भी अपने-अपने स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
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