यहां मेधावी छात्र-छात्राओं को मिलेगी मुफ्त कोचिंग, जानिए
बोर्ड की दसवीं परीक्षा में 70 फीसद अंक पाने वाले और 12वीं विज्ञान वर्ग में पढ़ रहे कमजोर और साधनहीन मेधावी छात्र-छात्राओं को मुफ्त कोचिंग दी जाएगी।
By Edited By: Updated: Wed, 25 Sep 2019 09:02 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड बोर्ड की दसवीं परीक्षा में 70 फीसद अंक पाने वाले और 12वीं विज्ञान वर्ग में पढ़ रहे कमजोर और साधनहीन मेधावी छात्र-छात्राओं को इंजीनियरिग और मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त एक वर्ष की कोचिंग दी जाएगी। कोचिंग के लिए छात्र-छात्राओं का चयन परीक्षा के माध्यम से होगा। राज्य सरकार ने इस संबंध में मंगलवार को स्वैच्छिक संस्था दक्षणा फाउंडेशन के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। अन्य स्वैच्छिक संस्था आइपीई ग्लोबल सेंटर फॉर नॉलेज एंड डेवलपमेंट के साथ 350 राजकीय विद्यालयों में डिजिटल तकनीक से पढ़ाई की व्यवस्था के लिए करार किया गया।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि मंगलवार को इन दोनों संस्थाओं के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। दक्षणा फाउंडेशन अपवंचित वर्गों के मेधावी छात्र-छात्राओं को पुणे स्थित आवासीय परिसर में कोचिंग देगा। यह संस्था केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत संचालित जवाहर नवोदय विद्यालयों में वर्ष 2007 से छात्र-छात्राओं को इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग दे रही है। कोचिंग के पात्र छात्र-छात्रा के अभिभावक की वार्षिक आय 1.80 लाख से कम होनी चाहिए।
कोचिंग के लिए चयन परीक्षा आठ दिसंबर को होगी। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर है। चयन परीक्षा के लिए भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान और लॉजिकल रीजनिंग से 25-25 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। कुल 100 प्रश्न होंगे। सही उत्तर के लिए तीन अंक और गलत उत्तर पर एक अंक की कटौती की जाएगी। 350 विद्यालयों को डिजिटल तकनीक उन्होंने बताया कि आइपीई ग्लोबल सेंटर फॉर नॉलेज एंड डेवलपमेंट नई दिल्ली विद्यालयों में बच्चों की गणित, भाषा, विज्ञान में दक्षता बढ़ाने के लिए डिजिटल तकनीक उपलब्ध कराएगी।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के सभी निजी स्कूलों में संस्कृत की पढ़ाई अनिवार्यपहले चरण में 350 विद्यालयों में नए उपकरण दिए जाएंगे। डिजिटल तकनीक से पढ़ाई को शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 10 विद्यालयों पर एक मेंटर नियुक्त होगा। समग्र शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ मुकुल कुमार सती ने बताया कि उक्त संस्थाओं के साथ एमओयू होने के बाद जिलों को पत्र भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि कोचिंग के लिए चयनित छात्राओं को मार्ग व्यय वहन किए जाने के लिए भी इस संस्था से अनुरोध किया गया है।
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