आवाज की खनक: मैथिली ने दी गढ़वाली मांगल गीत को आवाज, तेजी से हो रहा वायरल
अपनी आवाज की खनक से लाखों संगीत प्रेमियों के दिलों में राज करने वाली मैथिली ठाकुर ने गढ़वाली मंगल गीत को आवाज दी है। मैथिली का गाया यह लोक मंगल गीत इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है।
By Edited By: Updated: Wed, 25 Nov 2020 03:48 PM (IST)
ऋषिकेश, जेएनएन। अपनी आवाज की खनक से लाखों संगीत प्रेमियों के दिलों में राज करने वाली मैथिली ठाकुर ने गढ़वाली मंगल गीत को आवाज दी है। मैथिली का गाया यह लोक मंगल गीत इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है। गढ़वाल क्षेत्र में वैवाहिक रस्म में हल्दी हाथ के दौरान मांगल गीत को गाने की पुरानी परंपरा रही है। इस मांगल गीत में कन्या दान को सभी दानों में श्रेष्ठ और अनूठा दान माना गया है।
अपनी गायन शैली से खासा मुकाम बना चुकी गायिका मैथिली ठाकुर ने एक दिन पूर्व ही अपने यूट्यूब चैनल पर इस गीत के वीडियो को रिलीज किया है। इस वीडियो में मैथिली हारमोनियम पर स्वयं संगीत देने के साथ इस मांगल गीत को गा रही हैं। जबकि उनके भाई ऋषभ व अयाची भी वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे हैं। मैथिली ने हाल में ही कुमांउनी मांगल गीत सुवा ओ सुवा बनखंडी सुवा.. को गाकर खूब चर्चा बटोरी थी। अब मैथिली का हल्दी हाथ गढ़वाली लोक गीत दे द्यावा बाबाजी, गौ कन्या दान हे.. खासा चर्चित हो रहा है। मैथिली के इस गीत को फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप आदि इंटरनेट माध्यमों पर खूब शेयर और पसंद किया जा रहा है।
लोक गायक कमल जोशी ने बताया कि गढ़वाल क्षेत्र में यह मांगल गीत खास कर बेटी की हल्दी हाथ की रस्म पर गाया जाता है। उन्होंने बताया कि यह एक पारंपरिक लोक गीत है, जिसे मांगल शैली में कई दशकों से गाया जाता रहा है। उन्होंने बताया कि यह गीत बेहद ही भावुक है जो बेटी की ओर से अपने माता-पिता, भाई-भाभी और चाचा-ताऊ व अन्य सगे संबंधियों के लिए समर्पित है। जिसमें बेटी कहती है कि हीरा, मोती, अन्न, धन और भूमि का दान तो सभी कर सकते हैं, मगर कन्या के दान फल किसी पुण्य के भागी को ही मिलता है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।